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गुरुपर्वः चंडीगढ़ के गुरुद्वारा में काटा गया 501 किलो का Cake, सैकड़ों संगत ने गुरुघर में टेका माथा

चंडीगढ के सेक्टर-19 स्थित श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में गुरुपर्व के मौके पर 501 किलो का केक काटा गया। केक को संगत में प्रसाद के तौर पर बांटा गया। वहीं शहर के अन्य गुरुद्वारों में सैकड़ों की संख्या में संगत ने माथा टेका।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 04:25 PM (IST)
गुरुपर्वः चंडीगढ़ के गुरुद्वारा में काटा गया 501 किलो का Cake, सैकड़ों संगत ने गुरुघर में टेका माथा
सेक्टर-19 श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में काटा गया 501 किलो का केक।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। श्री गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव के मौके पर श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा सेक्टर-19 में केक काटा गया। 501 किलो का यह केक संगत में प्रसाद के तौर पर बांटा गया।

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वहीं, शहर के अन्य गुरुद्वारों में भी सैकड़ों की तादाद में संगत माथा टेकने पहुंची। श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब के दर्शन के बाद लंगर हॉल में गुरु का लंगर ग्रहण किया। दर्शनों के लिए पहुंचे लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के नियमों का पालन किया। दर्शन करने के बाद संगत दरबार हाल में बैठने के लिए लंगर और उसके बाद लगातार बाहर जाती रही जिसके चलते किसी भी गुरुद्वारा हाल में भीड़ देखने को नहीं मिली।

सेनिटाइजर के बाद दी गई एंट्री

शहर के गुरुद्वारा के मुख्य गेट पर सेवादारों की तरफ से सेनिटाइजर की विशेष व्यवस्था देखने को मिली। गुरुद्वारा में पहुंचने वाली संगत को सेनिटाइज करने के बाद ही एंट्री दी गई। इसके साथ ही मुख्य गेट पर एंट्री करने के साथ संगत से कोरोना नियमों का पालन करने की अपील भी लगातार की जाती रही।

लंगर हाल में भी सेवादारों की रही व्यवस्था

दरबार साहिब में दर्शन के अलावा लंगर हॉल में भी सेवादारों की व्यवस्था देखने को मिली जो कि संगत को हॉल के अंदर आने और बैठने का प्रबंध करती हुई देखी गई। इसके अलावा ज्यादातर गुरुद्वारा लंगर हॉल में पीने के लिए खुले पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। बोतल बंद पानी ही संगत को बांटा गया ताकि कोरोना संक्रमण का कोई खतरा न बचे।

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों खुद रहीं तैनात

सेक्टर-19 गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रेसिडेंट तेजिंदर  सिंह ने कहा कि शोभायात्रा से पहले ही सभी गुरुद्वारा कमेटियों ने निर्णय लिया था कि कोराेना के नियमों में कोई ढील नहीं दी जाएगी। उसी के तहत काम किया गया है। संगत से अपील थी कि दरबार हाल में कोई न रूके जिसके कारण किसी भी गुरुद्वारा के हॉल में कोई भीड़ नहीं जुटने दी है।


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