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गुरु ने प्यार की भाषा सिखाई धर्म की नहीं

गुरु की बाणी में विज्ञान छुपा है प्यार छुपा है और इंसान बनने की हकीकत भी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 08:35 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 08:35 PM (IST)
गुरु ने प्यार की भाषा सिखाई धर्म की नहीं
गुरु ने प्यार की भाषा सिखाई धर्म की नहीं

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : गुरु की बाणी में विज्ञान छुपा है, प्यार छुपा है और इंसान बनने की हकीकत भी। मगर एकतरफा समझ ने इसे केवल धर्म तक केंद्रित किया है। इसी वजह से गुरु की बाणी पर अब तक छपी हजारों किताबों से भी लोग प्यार की भाषा नहीं सीख रहे। मैंने एक कोशिश की कि लोग समझें गुरु क्या कहना चाहते थे। उनके लिए इंसानियत क्या थी और विज्ञान को उनकी फिलॉस्फी किस दृष्टि से देखती थी। गुरु नानक देव-डिस्पेंसर ऑफ लव एंड लाइट पर कुछ इन शब्दों में बात की डॉ. एसएस भट्टी ने। जिसे शुक्रवार को गवर्नमेंट आर्ट ऑडिटोरियम-10 में विमोचित किया गया। इस दौरान इंस्टीट्यूट ऑफ सिख स्टडीज के गुरप्रीत सिंह और सिख स्कॉलर हरदेव सिंह विर्क भी शामिल हुए। महज चार महीने में लिखी किताब

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डॉ. भट्टी ने कहा कि किताब को उन्होंने महज चार महीने में लिखा। अपने जीवन के अनुभव और बाणी पढ़ने के दौरान जो अनुभव हुए उसे ही मैंने किताब में संजोया। ये एक तरह से मेरे अनुभव भी हैं, साथ ही जपुजी साहिब को जैसे मैंने समझा वैसा ही इसमें लिखा है। मैं ग्रंथों और वेदों को समझकर धर्म और इंसानियत पर सोचता हूं। अफसोस लोग धर्म की बात तो करते हैं मगर ग्रंथों और वेदों को पढ़ना भूल जाते हैं। हमें हर किसी से इंसानियत की सीख मिलती है। मैंने हिदू धर्म के लिए काफी पढ़ा है। इसकी शुरुआत में वेदों को पढ़ने से की। मुझे लगता है कि हर धर्म आपको इंसानियत सिखाता है। कट्टर हो जाना, आपको घमंडी और इंसानियत से दूर ले जाता है। भ्रमण की वजह से खुले विचार रहे गुरु के

डॉ. भट्टी ने कहा कि गुरु की खासियत ये रही कि उन्होंने काफी भ्रमण किया। उन्होंने कई लोगों और कई धर्मो के बारे में जाना। इसलिए हर धर्म के लिए उनके विचार खुले थे। उन्होंने इसे अपनी बाणी में भी जगह दी। मगर ये विचार सही रूप से लोगों तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने अपने जीवन में 28 हजार किलोमीटर यात्रा की। उनके दो प्रिय शिष्य मरदाना और बाला, विभिन्न धर्मो से रहे। मगर उनके साथ भी धर्म से जुड़ी राजनीति हुई। जपुजी साहिब पर बनाया ग्राफिक आर्ट वर्क

डॉ. भट्टी ने कहा कि उन्होंने जपुजी साहिब को अपने विचार में रखकर एक आर्ट वर्क तैयार किया। जो ग्राफिक्स के जरिये है। हालांकि इसे अभी कहीं बनाया नहीं गया। ये आर्ट वर्क में एक सीढ़ीदार लंबी इमारत को दिखाया है जो ऊपर तक पहुंचती है और ऊपर एक गुंबद है। ये मेरी अपनी कल्पना है। मैं चाहता हूं कि वास्तविकता में कभी इसे असल रूप दूं।


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