Move to Jagran APP

गूगल से पंजाबी सस्कृति का गुणगान करेंगे 'गुरु' सिद्धू

पंजाब के मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू राज्य की संस्‍कृति का गुणगान और प्रचार गूगल से करेंगे। पंजाब की दूसरी कल्चर पॉलिसी की घोषणा सरकार अगले हफ्ते कर सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 28 Jun 2017 10:46 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jun 2017 10:47 AM (IST)
गूगल से पंजाबी सस्कृति का गुणगान करेंगे 'गुरु' सिद्धू
गूगल से पंजाबी सस्कृति का गुणगान करेंगे 'गुरु' सिद्धू

चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब के पर्यटन एवं संस्‍कृति मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू राज्य की संस्‍कृति का गुणगान और प्रचार गूगल के माध्‍यम से करेंगे। इस बारे में पर्यटन व संस्कृति मंत्रालय की ओर से तैयार की जा रही पंजाब की दूसरी कल्चर पॉलिसी की घोषणा सरकार अगले हफ्ते कर सकती है। पॉलिसी लगभग तैयार हो गई है। इसमें सरकार ने पंजाबी संस्कृति व सभ्यता के प्रचार-प्रसार को लेकर गूगल की मदद लेने की योजना तैयार की है।

loksabha election banner

गूगल की मदद से पंजाब के पर्यटन केंद्रों की जानकारी पूरी दुनिया में पहुंचाने की कवायद में पर्यटन विभाग ने पर्यटन स्थलों की फोटो व अन्य जानकारियां नए सिरे से ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहा है। इसे लेकर पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पांच बैठकें कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें: खुद के लिए टाइम नहीं तो कैसी जिंदगी : कपिल शर्मा

सिद्धू की कोशिश है कि पॉलिसी में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रह जाए और पॉलिसी के जरिए नए सिरे से पंजाब के कल्चर व पर्यटन स्थलों को विकसित करके पर्यटकों को पंजाब लाया जा सके। साथ ही उनकी कोशिश है कि पर्यटन के जरिए सरकार की कमाई भी बढ़ाई जाए। सिद्धू कई बार इस बारे में स्पष्ट कर चुके हैं कि कोहिनूर हीरा हमारा है, लेकिन हम लंदन में जाकर 40 डॉलर में उसे म्यूजियम में देखते हैं।

कल्चर पॉलिसी को पब्लिक पॉलिसी के रूप में जारी करने की तैयारी में जुटी सरकार की कोशिश है कि पॉलिसी से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए। पंजाबी कल्चर को ज्यादा से ज्यादा प्रमोट करने के लिए कल्चरल एक्सचेंज प्रोग्राम भी चलाया जाएगा। इसके कारण विभिन्न राज्यों में बने म्यूजियम में पंजाबी कल्चर से जुड़ी वस्तुओं की प्रदर्शनी की जाएगी।

इसके साथ ही ऑनलाइन प्रचार के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लेने की योजना पर तेजी के साथ किया जा रहा है। कल्चर पॉलिसी में इस बात पर भी फोकस किया जा रहा है कि पंजाब के प्रसिद्ध पर्यटन केंद्रों को और बेहतर तरीके से विकसित करके उन्हे रोडमैप से जोड़ा जाए।

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप

पॉलिसी में इस मामले को भी शामिल किया जा रहा है कि पंजाबी कल्चर से जुड़े पर्यटन स्थलों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के साथ बचाया जाए और उनका मैनेजमेंट किया जाए। पॉलिसी लगभग बनकर तैयार है। इस बारे में पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कहते हैं कि हमारी कोशिश है कि पंजाब में नए सिरे पर्यटन को विकसित किया जाए, जिससे इस उद्योग से जुड़े लोगों को आय का नया स्रोत मिल सके और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पंजाबी कल्चर के बारे में जानकारी पहुंचाई जा सके। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की मंजूरी के बाद ही घोषणा की जाएगी।

लोकगायकों व नर्तकों को होगा लाभ

नई कल्चर पॉलिसी में सरकार ऐसी योजना बना रही है कि पंजाबी विरसे से जुड़े लोक कलाकारों लोक गीत गायकों व नर्तकों को भत्ता दिया जाए। पिछली सरकारों की तरफ से इस मामले को गंभीरता न लेने के कारण पंजाबी विरसे से जुड़े लोक कलाकारों का बुरा हाल हो गया है।

यह भी पढ़ें: पिता कितना भी समृद्ध हो बेटे पर आश्रित माना जाएगा : हाई कोर्ट

नतीजतन पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही उनके परिवारों की नई पीढ़ी अब नए क्षेत्रों में जाना चाहती है। इसके चलते पंजाबी विरसे से जुड़ी कई परंपराओं के कलाकार लुप्त होते जा रहे हैं। यह परंपराएं जिंदा रहें इसके लिए इनसे जुड़े कलाकारों को आर्थिक सहायता देने से लेकर उनके जीवन यापन की योजना भी पॉलिसी में शामिल की जा रही है।

क्या है खास

-पंजाबी मेलों का आयोजन किया जाएगा।
-आर्ट एंट क्राफ्ट को बढ़ावा दिया जाएगा।
-पंजाबी संगीत को बढ़ावा देने के लिए लाइव शो आयोजित किए जाएंगे।
-पंजाबी पेंटिग्स व स्कल्पचर को बढ़ावा।
-पंजाबी कलाओं के रेखाचित्र व पेटिंग सार्वजनिक दीवारों पर बनाए जाएंगे।
-शैक्षणिक संस्थाओं में युवाओं को पंजाबी कल्चर के साथ जोड़ा जाएगा।
-होटलों व रेलवे स्टेशन व बस स्टेशनों सहित सार्वजनिक स्थलों पर परंपरागत पंजाबी गांव के मॉडल विकसित किए जाएंगे।

-पारंपरिक खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा।
-एसएएस नगर में स्कल्पचर का म्यूजियम खोला जाएगा।
-संगीत नाटक अकादमी को प्रमोट किया जाएगा।
-पंजाबी थियेटर को प्रमोट किया जाएगा।
-ओपेन एयर थिएयर खोले जाएंगे।
-लिटरेचर को प्रमोट किया जाएगा।
-पंजाब साहित्य अकादमी को प्रमोट किया जाएगा।
-पंजाब आट्र्स काउंसिल को प्रभावशाली बनाया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.