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गुरमीत राम रहीम ने की बेअदबी मामले की सीबीआइ जांच की मांग, हाई कोर्ट ने सीबीआइ व केंद्र से मांगा जवाब

पंजाब में बेअदबी मामले में दर्ज मामलों की पंजाब सरकार की एसआइटी की बजाय सीबीआइ से ही जांच करवाए जाने की डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने मांग की है। मामले में हाई कोर्ट ने केंद्र व सीबीआइ से जवाब मांगा है।

By Jagran NewsEdited By: Kamlesh BhattPublished: Wed, 30 Nov 2022 04:54 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 04:54 PM (IST)
गुरमीत राम रहीम ने की बेअदबी मामले की सीबीआइ जांच की मांग, हाई कोर्ट ने सीबीआइ व केंद्र से मांगा जवाब
गुरमीत राम रहीम व पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। बेअदबी मामले में दर्ज मामलों की पंजाब सरकार की एसआइटी के बजाय सीबीआइ से ही जांच करवाए जाने की एक मांग पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र व सीबीआइ से जवाब तलब किया है।

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हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद भारद्वाज ने यह आदेश डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम द्वारा दायर एक संशोधित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कहा कि वह मूल याचिका पर पहले जवाब दायर कर चुकी है,  लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार वह इस पर अपना नया जवाब दायर करेगी। केंद्र सरकार ने भी कोर्ट से जवाब देने के लिए दो सप्ताह का समय देने की मांग की। कोर्ट ने केंद्र व पंजाब सरकार को जवाब दायर करने का समय देते हुए मामले की सुनवाई 10 जनवरी तक स्थगित कर दी।

इससे पहले, पंजाब सरकार ने डेरा प्रमुख की इस याचिका पर अपना जवाब दायर कर हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले की पंजाब सरकार ने सीबीआइ जांच के आदेश वापस लेते हुए विधानसभा में प्रस्ताव पास किया था। हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर अपनी मोहर लगा दी थी और हाई कोर्ट के आदेशों पर ही मामले की एसआइटी जांच कर रही है। ऐसे में डेरा प्रमुख द्वारा अब यह मांग करना पूरी तरह से गलत है। ऐसे में इस याचिका को ख़ारिज किया जाए।

दायर याचिका में डेरा प्रमुख ने कहा है कि बेअदबी मामले में दर्ज एफआइआर की पंजाब सरकार ने नवंबर 2015 में सीबीआइ जांच के आदेश दे दिए थे, लेकिन बाद में राज्य में सरकार बदलते ही इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर जांच शुरू कर दी थी। बाद में अगस्त 2018 में पंजाब सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर इस मामले की सीबीआइ जांच के आदेश वापस ले लिए थे।

डेरा प्रमुख का कहना है कि इस मामले के एक आरोपित के बयानों के बाद इस मामले में नामजद कर लिया गया और फिर उनके प्रोडक्शन वारंट जारी कर दिए गए। जिसे हाई कोर्ट ने रद करते हुए करते हुए एसआइटी को सुनारिया जेल में ही जाकर उनसे पूछताछ करने के आदेश दे दिए थे और एसआइटी उन्हें पूछताछ कर चुकी है।

डेरा प्रमुख का कहना है कि उसे जानबूझकर इस मामले में फंसाया जा रहा है, ऐसे में इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। लिहाजा उन्होंने बेअदबी मामले से जुड़ी एफआइआर की सीबीआइ से जांच करवाने के जो आदेश सरकार ने रद किए हैं, उन आदेशों को रद कर इस मामले की सीबीआइ से ही जांच करवाने की मांग की है।


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