गुल पनाग ने दी नसीहत- अब हवा में नहीं, बल्कि वापस जमीन से जुड़ें
फिल्म अभिनेत्री गुल पनाग लंबे अर्सें बाद चंडीगढ़ में थी। इस बार उन्होंने बिल्कुल अलग विषय पर चर्चा की। यह थी जैविक खेती।
जेएनएन, चंडीगढ़। ''हम ऐसे समय में जी रहे हैैं, जहां हम अपनी सेहत की जगह कार की सेहत की फिक्र करते हैैं। हमें यह फ्रिक है कि गाड़ी में पेट्रोल के साथ पानी न जाएं, मगर इसकी फिक्र नहीं कि जो हम खा रहे हैं वो किस क्वालिटी का है? अब जरूरत हवा में नहीं बल्कि वापस जमीन से जुड़ने की हो गई है।'' प्रख्यात फिल्म अभिनेत्री गुल पनाग कुछ गुस्से में तो कुछ चेतावनी भरे लहजे में कुछ इस तरह से बोली। वह ऑलियांस फ्रांसिस में शहर के ऑर्गेनिक फार्मर द्वारा आयोजित ऑर्गेनिक मार्केट के तीन साल पूरे होने की खुशी में पहुंची थी। इस दौरान इंस्टीट्यूट में एक कला प्रदर्शनी का भी आयोजन हुआ।
एग्रीकल्चर पॉलिसी के बिना किसान क्या करेगा
गुल पनाग ने पंजाब में किसानों की आत्महत्या पर कहा कि ये बहुत दुखद है कि पंजाब में एग्रीकल्चर पॉलिसी ही नहीं है। आज भी पेस्टीसाइड्स से लेकर घातक कीटनाशक का इस्तेमाल हो रहा है। जैविक खेती को पूरी तरह अपनाए जाने पर कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा।
मुंबई में बनाया है खुद का ऑर्गेनिक गार्डन
गुल ने कहा कि उन्हें ऑर्गेनिक फार्मिंग पसंद है। कई वर्ष पहले ही उन्होंने इस ओर ध्यान देना शुरू किया। गुल बोली कि मुंबई के उनके घर के पास उन्होंने ऑर्गेनिक गार्डन बनाया है। उसमें वह खुद खेती करती हैैं। इसके अलावा कुछ एनजीओ से भी जुड़ी हैैं, जो ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देती हैैं। गुल ने कहा कि देश की राजधानी का ये हाल है कि वहां सांस लेना मुश्किल है। मगर हम खुश है कि हम इस और ध्यान दे ही नहीं रहे कि स्वच्छ हवा की कितनी जरूरत है।
तीन साल से चला रही हूं इलेक्ट्रिक कार
गुल ने कहा कि उन्हें पर्यावरण को लेकर इतनी चिंता रही कि वह तीन साल से इलेक्ट्रिक कार ही चला रही हैं और यह काफी सुखद है। चंडीगढ़ शहर तो वैसे भी हरा भरा शहर है, ऐसे में यहां के लोगों से खास निवेदन करुंगी कि प्रदूषण को कम करने के लिए ज्यादा से ज्यादा कदम उठाएं।
राजनीति पर नो कमेंट्स
गुल ने जैविक खेती पर तो विचार रखे, मगर राजनीति पर चुप्पी साधे रखी। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के लिए क्या आप दोबारा आप पार्टी से एमपी के लिए खड़ी होंगी? पर गुल ने कहा कि इस पर मैैं अभी बात नहीं करना चाहती। ये मुद्दा 2019 में ही देखूंगी, अभी बात करूंगी तो फिर आप कहां बात करेंगे, इसलिए इस पर नो कमेंट्स।
शहर में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एनआइटीटीटीआर ने दी जमीन...
शहर में जैविक मार्केट शुरू करने का श्रेय यहां के कुछ फार्मर को जाता है, जिसमें रमन मान, डॉ यूएन रॉय, राज कुमार आर्य, इंदर जीत सिंह, गुरमेल सिंह, पारुल, सीमा और शिव भुल्लर शामिल रहे। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल टीचर्स ट्रेनिंग एंड रिसर्च-26 के प्रोफेसर डॉ उपेंद्र नाथ रॉय ने कहा कि तीन वर्ष पहले ऑर्गेनिक मंडी शुरू करने के लिए हमनें काफी प्रयास किए। मगर हमें कहीं जगह नहीं दी गई।
इसके बाद हमने एआइटीटीटटीआर में ही मंडी शुरू की। अब हमारी मंडी हर शनिवार लेक साइड के पीछे लगती है। हमारी इस कोशिश को रोकने के कई प्रयास किए गए। इसमें पंजाब की कुछ एनजीओ भी शामिल है, जो अपनी फंडिंग को कायम रखने के लिए हमें रोकना चाहती थी। मगर हम चलते रहे और आज हमारी कोशिश को तीन वर्ष हो गए हैैं।
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