शहर में आने वाले वाहनों पर लगाया जा सकता है ग्रीन टैक्स, एमसी की बढ़ेगी आय
वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की संभावनाएं तलाश करने के लिए कहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : वित्तीय संकट दूर करने के लिए बनाई गई कमेटी ने अधिकारियों को शहर में दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने की संभावनाएं तलाश करने के लिए कहा है। इससे पहले 2016 में ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव लाया जा रहा था। नगर निगम की वित्तीय हालत सुधारने के लिए सुझावों की रिपोर्ट देने के लिए मेयर राजबाला मलिक ने नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। जिसकी पहली बैठक मंगलवार को हुई। बैठक में ग्रीन टैक्स के मुद्दों पर चर्चा हुई। सदस्यों का मानना है कि इससे शहरवासियों पर भी बोझ नहीं पड़ेगा और नगर निगम की आय बढ़ जाएगी। दो साल पहले बनाया गया था प्रस्ताव
2016 में इस पर प्रस्ताव बनाया गया था, लेकिन उस समय प्रस्ताव पास नहीं हो पाया था। बैठक में अधिकारियों को पानी के डिफाल्टरों पर कितना बकाया है, इसकी रिपोर्ट अगली बैठक में लाने के लिए कहा गया है। अगली बैठक 17 जुलाई को तय की गई है। अधिकारियों ने बताया कि 32 करोड़ रुपये की राशि डिफाल्टरों से लेनी है। ऐसे में कमेटी के सदस्यों ने कहा कि डिफाल्टरों से वन टाइम सेटलमेंट करने की नीति लाई जा सकती है। अधिकारी लेकर आएंगे गांवों में प्रॉपर्टी की लिस्ट
कमेटी के सदस्यों ने अधिकारियों को अगली बैठक में प्रशासन की ओर से नगर निगम में जो गांव शामिल हुए हैं, उनमें आई प्रॉपर्टी की भी लिस्ट अगली बैठक में लाने के लिए कहा है। सेक्टर-17 में ओवरब्रिज के नीचे खाली पड़ी 40 दुकानों को किराये पर चढ़ाने पर भी बात हुई। सदस्यों ने कहा कि बिजली का खर्चा नगर निगम का लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में एनर्जी ऑडिट करवाने का भी निर्णय लिया गया। सदस्यों ने अगली बैठक में किस-किस मद में कितना खर्चा हो रहा है, इसकी विस्तृत डिटेल लाने के लिए कहा गया है। आउटसोर्स पर रखे कर्मचारियों को हर माह कितना भुगतान हो रहा है, उसकी भी जानकारी मांगी गई है। मालूम हो कि मेयर राजबाला मलिक ने 25 जुलाई तक कमेटी को अपनी रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। ताकि इस माह के अंत में होने वाली सदन की बैठक में आय बढ़ाने पर कोई फैसला लिया जा सके। कमेटी में अरुण सूद, देवेश मोदगिल, महेश इंद्र सिद्धू, अजय दत्ता, अनिल दूबे, राजेश कालिया, सतीश कैंथ, अतिरिक्त कमिश्नर अनिल गर्ग और चीफ अकाउंट अधिकारी को सदस्य बनाया गया है। बैठक में सदस्यों ने यह भी कहा कि लाल डोरे के बाहर कई लोग बिना बिल के पानी का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे लोगों की भी सूची बनाई जाए। विज्ञापन से कमाई बढ़ाने पर भी मंथन किया गया।
400 गाड़ियां आ रही हैं, लेकिन चालक-परिचालक का खर्चा एमसी पर
बैठक में यह बात सामने आई कि डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन के लिए 400 गाड़ियां खरीदी जा रही हैं। इसकी राशि स्मार्ट सिटी के फंड से की जा रही है। लेकिन इन गाड़ियों में जो चालक और परिचालक तैनात किए जाएंगे, उनको हर माह वेतन का भुगतान का खर्चा एमसी पर पड़ेगा। जिससे नगर निगम का खर्चा और बढ़ जाएगा। सदस्यों ने माना कि फंड लेने में प्रशासन और नगर निगम के भी कोऑर्डिनेशन की भारी कमी है।