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सरकारी कालेजों में कम होंगी ग्रेजुएशन की सीटें, सेक्शन होंगे कम

शहर के सरकारी कालेजों में पढ़ाई करने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर है। इस बार उच्चतर शिक्षा विभाग स्नातक पहले वर्ष के लिए पांच से आठ फीसद सीटों की कटौती करने जा रहा है। इसका कारण कालेजों में टीचिग स्टाफ की कमी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 06:31 AM (IST)
सरकारी कालेजों में कम होंगी ग्रेजुएशन की सीटें, सेक्शन होंगे कम
सरकारी कालेजों में कम होंगी ग्रेजुएशन की सीटें, सेक्शन होंगे कम

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़

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शहर के सरकारी कालेजों में पढ़ाई करने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर है। इस बार उच्चतर शिक्षा विभाग स्नातक पहले वर्ष के लिए पांच से आठ फीसद सीटों की कटौती करने जा रहा है। इसका कारण कालेजों में टीचिग स्टाफ की कमी है। इस कटौती से इन कालेजों में एक से दो सेक्शन कम हो जाएंगे। शहर में पांच सरकारी पोस्ट ग्रेजुएट कालेज हैं, जिसमें करीब चार सौ से ज्यादा टीचिग स्टाफ की मंजूरी है। इस समय 160 रेगुलर टीचिग स्टाफ प्रोफेसर की कमी है। टीचिग स्टाफ कम होने का खामियाजा यह है कि सत्र 2021-2022 के लिए पांच से आठ फीसद स्टूडेंट्स सीटों पर कट लग रहा है। बीते पांच वर्षो से शहर के सरकारी कालेजों में कोई रेगुलर भर्ती नहीं हो पाई है। अब 13 के बजाय 11 हजार सीटों पर एडमिशन होगा। हर साल 20 हजार से ज्यादा आते हैं आवेदन

शहर के सरकारी और प्राइवेट कालेजों में सेंट्रलाइज एडमिशन होता है। आ‌र्ट्स, कामर्स, मेडिकल, नान मेडिकल, बीबीए और बीसीए संकाय की शहर के कालेजों में 13495 सीटें है, जिसके लिए हर साल 20 हजार से ज्यादा आवेदन आते हैं। यह आवेदन शहर के स्टूडेंट्स के साथ दूसरे राज्यों से भी आते है। वर्ष 2020 में 13 हजार सीटों के लिए 23 हजार से ज्यादा आवेदन थे और ज्यादा मारा-मारी सरकारी कालेजों के लिए सामने आई थी। पोस्ट ग्रेजुएशन हो सकती है बंद

कालेजों में ग्रेजुएशन की सीटें कम करने के साथ शहर के कुछ कालेजों में चल रही पोस्ट ग्रेजुएशन को भी बंद करने की प्रक्रिया चल रही है। इसका कारण रेगुलर टीचिग पोस्ट का बीते छह महीने से ज्यादा खाली रहना है। जीसीजी-11 सहित पीजीजीसी-11 सहित जीसीजी-42 में रेगुलर टीचिग स्टाफ की कमी है।


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