Move to Jagran APP

पंजाब में राज्यपाल व सीएम के बीच दिखी तल्खी, पढ़ें कहां से शुरू हुआ विवाद, क्या है इसकी असली वजह

पंजाब में सीएम भगवंत मान व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच की तल्खी चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नामकरण के मौके पर भी दिखी। आखिर दोनों के बीच विवाद का कारण क्या है और इसकी शुरुआत कहां से हुई। आइए जानते हैं इसके बारे में...

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 29 Sep 2022 01:27 PM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2022 02:22 PM (IST)
पंजाब में राज्यपाल व सीएम के बीच दिखी तल्खी, पढ़ें कहां से शुरू हुआ विवाद, क्या है इसकी असली वजह
चंडीगढ़ एयरपोर्ट कार्यक्रम के दौरान सीएम मान व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित। जागरण

आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल व उपराज्यपाल के बीच विवाद अक्सर सुर्खियों में आता रहता है। अब पंजाब में भी सरकार व राज्यपाल के बीच विवाद पनपने लगा है। पंजाब के सीएम भगवंत मान व राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच की तल्खी का असर चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नामकरण को लेकर आयोजित कार्यक्रम में भी दिखा।

loksabha election banner

खास बात यह है कि दिल्ली व पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। और इन्हें दो राज्यों में राज्यपाल/उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच मनमुटाव की खबरें हैं। पंजाब में सबकुछ ठीकठाक चल रहा था, लेकिन आम आदमी पार्टी के आपरेशन लोटस के आरोपों के बाद राजभवन व मुख्यमंत्री के बीच लकीर खिंच गई। 

आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि वह आपरेशन लोटस के जरिये उसके विधायकों की खरीद फरोख्त में जुटी है। आप का आरोप था कि इसके लिए विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने तक का आफर दिया गया। आप ने बकायदा मोहाली में भाजपा के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा दी।

यह भी पढ़ें: E-Challan Status Online: सिर्फ दो मिनट में चेक करें ट्रैफिक चालान, इन आसान स्टेप्स से तुरंत करें भुगतान

आपरेशन लोटस के आरोपों के बीच भगवंत मान ने 22 सितंबर को पंजाब विधानसभा का सत्र बुला दिया। इस सत्र में वह विश्वास मत हासिल करना चाहते थे, लेकिन राज्यपाल ने पहले सत्र को मंजूरी देने के बाद इसे रद कर दिया। इससे सरकार व राज्यपाल के बीच लकीर खिंच गई। 

राज्यपाल द्वारा सत्र की मंजूरी रद करने के खिलाफ 22 सितंबर को आम आदमी पार्टी ने प्रदर्शन किया। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल के रुख को सही करार देते हुए आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया। दोनों ओर से जमकर आरोप प्रत्यारोप हुआ। 

इसके भगवंत मान ने 27 सितंबर को विधानसभा सत्र बुलाने का प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा, लेकिन राज्यपाल ने इसे सीधे मंजूरी देने के बजाय सरकार से पूछा कि उसका सत्र बुलाने का एजेंडा क्या है। इस पर फिर सरकार व राज्यपाल आमने-सामने नजर आए। आखिरकार सरकार को सत्र का एजेंडा भेजना पड़ा। तब जाकर राज्यपाल ने सत्र बुलाने को मंजूरी दी।

अब विधानसभा के सत्र में भगवंत मान ने विश्वास मत का प्रस्ताव पेश कर दिया है। इस पर 3 अक्टूबर को मतदान होना है। इस सारे प्रकरण के कारण सरकार व राज्यपाल के कारण तल्खी बढ़ी। यह तल्खी गत दिवस चंडीगढ़ एयरपोर्ट को लेकर आयोजित कार्यक्रम में दिखी। 

विधानसभा सत्र को लेकर तकरार के बाद राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित व सीएम भगवंत मान पहली बार आमने-सामने हुए, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे से बातचीत की दूरी बनाए रखी।  दोनों एक मंच पर थे, दोनों ने नजरें नहीं मिलाई। हालांकि कार्यक्रम खत्म होने पर दोनों ने एक-दूसरे का सांकेतिक अभिवादन स्वीकार किया।

यह भी पढ़ें : दीपावली से पहले भगवंत मान मंत्रिमंडल में विस्तार संभव, मंत्रियों के विभागों में भी हो सकता है बदलाव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.