सिंधु डॉल्फिन को एेसे बचाएगी सरकार, जंगली सुअर को मारने के लिए ऑनलाइन परमिट
पंजाब सरकार ने लुप्तप्राय सिंधु डॉल्फिन को बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने जल जीव का दर्जा देने का फैसला किया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब सरकार ने ब्यास नदी में पाई जानेवाली डॉल्फिन काे लुप्त होने से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ब्यास नदी में पाई जाने वाली लुप्तप्राय सिंधु डॉल्फिन को जल जीव का दर्जा देने की अनुमति दी है। सिंधु डॉल्फिन एक दुर्लभ मछली है। सिंधु डॉल्फिन ब्यास नदी की पर्यावरण प्रणाली के संरक्षण के लिए प्रमुख प्रजाति होगी।
कांजली वेटलैंड व पवित्र काली बेई वन्यजीव संरक्षण रिजर्व घोषित
वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को ध्यान में रखते हुए कांजली वेटलैंड और पवित्र काली बेई नदी को वन्यजीव संरक्षण रिजर्व घोषित करने की भी स्वीकृति दी। काली बेई नदी श्री गुरु नानक देव जी के जीवन से जुड़ी हुई है।
ब्यास नदी में पानी के अनियमित प्रवाह को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग को आदेश दिया कि जल धाराओं की निरंतरता सुनिश्चित करने व वन्यजीवों पर खतरे को कम करने के लिए पांच से छह हजार क्यूसेक पानी का न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चित किया जाए।
ब्यास नदी बनेगी हेरिटेज
मुख्यमंत्री ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को हिदायत दी कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए ब्यास नदी को हेरिटेज नदी घोषित करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। शिवालिक और उसके आसपास ईको-टूरिज्म को विकसित करने की निजी खिलाडिय़ों के साथ समझौता कर कर्नाटक मॉडल के आधार पर जंगल लॉज विकसित की जाएं। उन्होंने पूरे मामले की जांच करने व 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के लिए प्रधान मुख्य वन्यजीव वार्डन, निदेशक पर्यटन व एमडी पंजाब राज्य वन निगम की एक समिति का गठन किया।
परमिट के लिए एच लॉन्च
जंगली सुअर की बढ़ती आबादी को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने वन्यजीव विभाग से राज्य में जंगली सुअर की आबादी की एक विशेष गणना करने के लिए कहा। साथ ही मुख्यमंत्री ने जंगली सुअर के रोज शिकार के लिए ऑनलाइन परमिट देने के लिए एक मोबाइल एप भी लॉन्च किया। क्योंकि जंगली सुअर किसानों के लिए समस्या पैदा करते हैं। मुख्यमंत्री ने स्टेट बोर्ड ऑफ वाइल्ड लाइफ के प्रमुख सदस्यों वाली एक समिति का भी गठन किया। इसमें मेजर एपी सिंह, हरदीप सिंह सिद्धू, कर्नल पीएस ग्रेवाल और जसकरन सिंह और वन्यजीव विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
ब्यास नदी को हेरिटेज घोषित करेगी पंजाब सरकार
इसके साथ ही पंजाब सरकार ने ब्यास नदी को हेरिटेज घोषित करने का भी फैसला किया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में अधिकारियों को आदेश दिए कि सीएम ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को हिदायत दी कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, सामाजिक व धार्मिक महत्व वाली ब्यास नदी को हेरिटेज घोषित करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए।
ब्यास नदी।
उन्होंने कहा कि शिवालिक और उसके आसपास ईको-टूरिज्म को विकसित करने की निजी खिलाडिय़ों के साथ समझौता कर कर्नाटक मॉडल के आधार पर जंगल लॉज विकसित की जाएं। उन्होंने पूरे मामले की 30 दिनों में रिपोर्ट देने के लिए प्रधान मुख्य वन्यजीव वार्डन, निदेशक पर्यटन व एमडी पंजाब राज्य वन निगम की एक समिति का गठन किया। 470 किलोमीटर लंबी ब्यास पंजाब प्रमुख नदी है। ऋग्वेद में भी इसका उल्लेख है। इसे विपाशा भी कहा जाता है।