पंजाब काे आर्थिक संकट से उबरने को सरकार लगाएगी नए टैक्स
पंजाब को आर्थिक संकट से उबारने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार नए टैक्स लगाने और कई टैक्सों का दायरा बढ़ाने की तैयारी कर रही है।
चंडीगढ़, [मनोज त्रिपाठी]। पंजाब गंभीर आर्थिक संकट हैं आैर राज्य की कैप्टन अमरिंदर सिंह हालात को ठीक करने में जुट गई है। राज्य को वित्तीय संकट से उबारने के लिए कांग्रेस सरकार ने करों का दायरा बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। बीते दिनों वित्तीय संकट को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में हुई बैठक में कई नए टैक्स लगाने को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी भी दे दी गई है। अगली बैठक में मनोरंजन कर सहित कुछ अन्य करों को लगाने पर सरकार फैसला लेने का मूड बना चुकी है।
वित्तीय संकट को लेकर पांच जुलाई को हुई बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े अधिकारियों ने नए करों के प्रस्ताव सरकार को दिए हैं। इनमें मनोरंजन कर, पर्यटन प्रमोशन शुल्क आदि लगाने पर विचार किया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र पैटर्न पर कुछ वेतनभोगी अफसरों व मुलाजिमों को कर दायरे में लाने की कवायद सरकार ने शुरू कर दी है।
मनोरंजन कर व प्रोफेशनल कर सहित कई कर लगाने पर विचार
इसके साथ ही ट्रार्सपोर्ट एजेंसीज पर जीएसटी के दायरे में पांच फीसद टैक्स पर गंभीरता से विचार करने के आदेश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। सरकार पहली बार सूबे को प्रदूषण मुक्त बनाने को लेकर हिमाचल प्रदेश के पैटर्न पर प्रदूषण टैक्स लगाने की तैयारी में भी है।
यह टैक्स पंजाब के बाहर के नंबर वाले वाहनों के पंजाब में प्रवेश पर लगेगा। साथ ही वाहनों के पंजीकरण पर भी फीस बढ़ाने का विचार सरकार ने किया है। राजस्व बढ़ाने को लेकर बड़े होटलों पर पर्यटन टैक्स लगाया जा सकता है।
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नए करों की भनक लगते ही विपक्ष ने दबे स्वर में इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। फिलहाल यह कैप्टन सरकार के चार माह के कार्यकाल पूरे होने के बाद बड़ी चुनौती होगी कि नए टैक्सों को किस प्रकार किस दर से लगाया जाए कि सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सरकार द्वारा नए टैक्स लगाने की कवायद सिरे चढ़ी तो जनता के ऊपर बोझ पड़ना तय है। जीएसटी को लेकर वैसे ही कई वर्ग विरोध कर रहे हैं, नए टैक्स लगाने पर भी विरोध से इन्कार नहीं किया जा सकता है।
मुलाजिमों को देना होगा वेतन के हिसाब से आउटपुट
बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया कि विभिन्न सरकारी दफ्तरों व एजेंसीज में काम कर रहे सरकारी मुलाजिमों की कार्यशैली में बदलाव की जरूरत है। उन्हें यह बात समझाई जानी चाहिए कि वह कितना वेतन ले रहे हैं और उनका आउटपुट क्या है। इस सिलसिले में सरकार ने तीन अधिकारियों सर्वजीत सिंह, तेजवीर सिंह व अभिनव त्रिखा की टास्कफोर्स बनाई है। साथ ही, सरकारी विभागों को पेंडिंग बिलों व फीसों की वसूली के भी निर्देश दिए गए हैं। सरकारी सुविधाओं के रूप में जो भी विभिन्न सरकारी महकमों का बकाया है, उसे तत्काल वसूलने के आदेश दिए गए हैं।
लाटरी पर टैक्स बढ़ाने की तैयारी
लाटरी विभाग को सरकार ने आदेश दिए हैं कि वह अन्य राज्यों पर लाटरी पर लगने वाले टैक्स का आकलन करके विस्तार से रिपोर्ट तैयार करे। फिलहाल पंजाब में 12 फीसद टैक्स है, लेकिन कुछ राज्यों में 28 फीसद तक टैक्स लाटरी पर है। इसे बढ़ाया जा सकता है। बैठक में यह प्रस्ताव भी आया है कि लाटरी से होने वाली कमाई को बढ़ाने के लिए सरकार फुल टाइम डायरेक्टर की तैनाती विभाग में करे।
स्मार्ट फोन का वायदा पूरा करने पर भी विचार
बैठक में इस बात पर भी विचार किया गया है कि किस प्रकार से स्मार्ट फोन देने के चुनावी वायदे को पूरा किया जाए। इसे लेकर चलाई जा रही केंद्र सरकार की डिजिटल रीच व कनेक्टीविटी स्कीम का सहारा लेने पर विचार किया गया है। इससे केंद्र सरकार की स्कीम के तहत लोगों को स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाकर कांग्रेस सरकार अपनी पीठ थपथपा सकती है। कांग्रेस का यह बड़ा चुनावी वायदा था।