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पुलिस विभाग में सरकारी व्हीकल प्राइवेट काम में इस्तेमाल किया तो खैर नहीं..

पुलिस के वाहनों का अब अधिकारी या कर्मचारी अब पर्सनल इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 11:09 AM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 11:09 AM (IST)
पुलिस विभाग में सरकारी व्हीकल प्राइवेट काम में इस्तेमाल किया तो खैर नहीं..
पुलिस विभाग में सरकारी व्हीकल प्राइवेट काम में इस्तेमाल किया तो खैर नहीं..

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पुलिस के वाहनों का अब अधिकारी या कर्मचारी अब पर्सनल इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। चंडीगढ़ पुलिस एसएसपी निलाबरी जगदाले ने तुरंत वाहनों के पर्सनल इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी अनुसार पुलिस अधिकारियों को काफी समय से इंस्पेक्टर से लेकर अन्य कर्मचारियों द्वारा पुलिस वाहन जिसमें कार, जिप्सी और मोटरसाइकिल शामिल हैं, का गलत इस्तेमाल होने को लेकर शिकायतें मिल रही थी। जानकारी अनुसार पुलिस वाहनों को रात को कर्मचारी और अधिकारी अपने प्रयोग के लिए घर तक ले जाते थे। जानकारी अनुसार कुछ अधिकारियों जिसमें एसएसओ तक शामिल हैं, के लिए लगी जिप्सी आदि में घरेलू काम किए जाने की शिकायतें मिल रही थी।

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इन्हीं गाड़ियों में पुलिस अफसरों के बच्चों को स्कूल में छोड़ा जाता है। एसएसपी द्वारा 8 अक्टूबर को जारी सभी एसएचओ को निर्देश जारी किए हैं कि किसी भी सरकारी व्हीकल का गलत प्रयोग नहीं होना चाहिए। साथ इस मामले में सभी एसएचओ से रिपोर्ट भी मागी है। सभी 16 एसएचओ और डीएसपी को इस संबंध में लेटर भी जारी हुआ है। जिसमें कहा गया है कि जो भी पुलिस के सरकारी व्हीकल का गलत प्रयोग करते पाए जाएं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

घर ले जाते हैं मोटर साइकिल

यूटी पुलिस ने पेट्रोलिंग के लिए बुलैट के अलावा चीता और एक्टिवा वाहनों को खरीदा हुआ है लेकिन इन वाहनों का ड्यूटी के बाद भी प्रयोग किया जाता है। कर्मचारी अपने घर में इन वाहनों को रात को ले जाते हैं। महिला कर्मचारियों के लिए खरीदी गई अधिकतर एक्टिवा को महिला कांस्टेबल घर के कामों में भी प्रयोग करती हैं।

पुलिस स्टेशन में खड़ी करनी होगी गाड़ी

एसएसपी निलंबारी द्वारा जारी निर्देशों के तहत सभी थाने को अलॉट व्हीकल को हर रोज शाम को ड्यूटी के बाद थाने में ही जमा करना होगा। इसके लिए पूरा रिकार्ड मैंटेन रखना भी अनिवार्य होगा। इसके लिए खास तौर पर थाने मे लॉगबुक तैयार की जाएगी। व्हीकल की चाबी संबंधित थाने के मुंशी को जमा करनी होगी। वाहन को भी थाने के अंदर निर्धारित जगह पर पार्क करना होगा।

लॉग बुक में पूरी जानकारी देनी होगी

नए निर्देशों के तहत जिन कर्मचारियों को व्हीकल अलॉट किए गए हैं। उनसे अब वाहन दिन भर में कहा ले जाया गया, कितने किलोमीटर तय किए गए इस सबंधी पूरी जानकारी लॉगबुक में देनी होगी। इस संबंध में संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर भी अनिवार्य होंगे। अधिकारियों के अनुसार सरकारी व्हीकल के गलत इस्तेमाल से विभाग को पेट्रोल की खपत पर भी लाखों रुपये अधिक खर्च करने पड़ते हैं।

पहले भी पीसीआर से तेल निकालने और एसी चलाकर बैठने की हुई थी शिकायत

इस ऑर्डर से पहले भी यूटी पुलिस विभाग में आला अधिकारियों के पास पीसीआर से तेल निकालने की शिकायत आ चुकी थी। इसके अलावा शिकायत थी कि पुलिसकर्मी पीसीआर में एसी चलाकर आराम फरमाते है। बीच में डीजल की खपत को लेकर भी यूटी पुलिस विभाग काफी चर्चा में रह चुका है।

पुलिस विभाग में रिकार्ड दर्ज रखने के लिए इस तरह का आर्डर जारी किया गया है। सरकारी वाहन का कोई भी मुलाजिम पर्सनल यूज नहीं कर सकता। सभी संबंधित एसएचओ और डीएसपी को इसकी जानकारी दे दी गई है।

पवन कुमार, डीएसपी क्राइम व पीआरओ


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