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पंजाबी लेक्चरर्स की कमी झेल रहे सरकारी स्कूल, रिजल्ट पर पड़ रहा असर Chandigarh News

चंडीगढ़ शहर के हर सरकारी स्कूलों में तीनों भाषाओं का प्रावधान है। इन तीनों भाषाओं में अंग्रेजी हिंदी के साथ पंजाबी भी शामिल है।

By Edited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 10:07 PM (IST)Updated: Tue, 26 Nov 2019 02:28 PM (IST)
पंजाबी लेक्चरर्स की कमी झेल रहे सरकारी स्कूल, रिजल्ट पर पड़ रहा असर Chandigarh News
पंजाबी लेक्चरर्स की कमी झेल रहे सरकारी स्कूल, रिजल्ट पर पड़ रहा असर Chandigarh News

चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। शहर में पंजाबी लेक्चरर्स की कमी से पंजाबी सब्जेक्ट पर इसका खासा प्रभाव पड़ रहा है। हर सरकारी स्कूल में अंग्रेजी और हिंदी भाषा के साथ-साथ पंजाबी को भी महत्व दिया गया है। इन दोनों भाषाओं के साथ पंजाबी भी अपना खास स्थान रखती है। स्कूलों में पंजाबी सब्जेक्ट के लेक्चरर की कमी विभाग के लिए शर्मनाक बात है। चंडीगढ़ शहर के हर सरकारी स्कूलों में तीनों भाषाओं का प्रावधान है। इन तीनों भाषाओं में अंग्रेजी, हिंदी के साथ पंजाबी भी शामिल है। पंजाब की राजधानी होने की वजह से यहां पर पंजाबी भाषा भी अपना खास स्थान रखती है।

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नीचे गिरता जा रहा पंजाबी सब्जेक्ट का ग्राफ

पंजाबी लेक्चरर्स की कमी होने के चलते स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूलों में पंजाबी के लेक्चरर की कमी की वजह से रिजल्ट पर भी इसका असर पड़ रहा है। अगर बात पिछले तीन वर्षों की करें तो पंजाबी सब्जेक्ट का ग्राफ नीचे ही गिरता आ रहा है, सूत्रों के अनुसार पंजाबी लेक्चरर्स की कमी की वजह से बच्चों की पढ़ाई उस तरह से नहीं हो पाती जिस तरह से होनी चाहिए। इस वजह से बच्चे फाइनल एग्जाम में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाते।

2000 बच्चों पर केवल नौ लेक्चरर

शहर में वैसे तो 114 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या 40 है। इन स्कूलों में करीब 2000 स्टूडेंट्स पंजाबी विषय को पढ़ते हैं, लेकिन स्कूलों में केवल नौ पंजाबी लेक्चरर ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। ऐसे में हम कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि बच्चों का रिजल्ट बेहतर होगा।

दसवीं से बाहरवीं क्लास के बच्चों को हो रही ज्यादा परेशानी

सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में दसवीं ये बाहरवीं क्लास में पंजाबी पढ़ रहे बच्चों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पढ़ रहा है। इन क्लास में पंजाबी का विषय लेना अनिवार्य है। ऐसे में पंजाबी के लेक्चरर की भर्ती न करके विभाग बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। बच्चों को दूसरे सब्जेक्ट के प्रोफेशनल टीचर्स पढ़ा रहे हैं।

इन स्कूलों में तैनात हैं यह पंजाबी लेक्चरर

-सरबजीत कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-44

-सुरिंदर कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-23 एनवाईसी

-सरवदीप कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-27

-हरजिंदर कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-23

-गुरमीत कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-19

-सुखजीत कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-19

-परविंदरजीत कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-35

-परमजीत कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-18

-परवीन कौर : गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल-37

ऐसा नहीं है कि पंजाबी लेक्चरर की कमी है, हमने अभी जेबीटी और टीजीटी टीचर्स भर्ती किए हैं। उनमें हमने जरूर पंजाबी की टीचर्स को नियुक्त किया होगा। किसी स्कूल में अगर पंजाबी टीचर की पोस्ट नहीं है तो वहां हम नियुक्त नहीं कर सकते हैं। -बंसी लाल शर्मा, शिक्षा सचिव

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