सरकारी स्कूल के शिक्षक को चार साल की कैद, नाबालिग की किडनैपिंग का था आरोप; 16 साल बाद चढ़ा पुलिस के हत्थे
Chandigarh Kidnapping Case चंडीगढ़ में 16 साल बाद आरोपित शिक्षक पुलिस की पकड़ में आया है। आरोपित सरकारी स्कूल शिक्षक को जिला अदालत ने दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है। 16 साल पहले 15 साल की नाबालिग छात्रा का अपहरण किया था।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़: 16 साल पहले 15 साल की नाबालिग छात्रा का अपहरण करने वाले आरोपित सरकारी स्कूल शिक्षक को जिला अदालत ने दोषी करार देते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है। दोषी की पहचान सेक्टर-19 निवासी सुनील कुमार के तौर पर हुई है।
सेशन जज स्वाति सहगल की स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सुनील कुमार को एक दिन पहले दोषी करार दिया था और शनिवार को उसको सजा सुनाई गई।
सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी का था शिक्षक
दोषी सुनील कुमार शहर के एक सरकारी मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हिंदी का शिक्षक था। दोषी ने मार्च 2007 में नाबालिग छात्रा का अपहरण किया था। लड़की के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह शहर में कारोबार करता है और वह परिवार के साथ रहता है। उसकी 15 साल की बेटी और एक 12 वर्षीय बेटा भी है। दोनों बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। उसी स्कूल में दोषी सुनील कुमार शिक्षक है।
पीड़िता के पिता ने शिकायत में बताया कि उनकी बेटी मार्च 2007 की शाम करीब सात बजे घर से सेक्टर-20 स्थित मंदिर के लिए गई थी, लेकिन वह घर नहीं लौटी। परिवार ने बेटी की तलाश की लेकिन वह कहीं नहीं मिली, जिसके बाद पुलिस में बेटी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
दोषी शिक्षक सुनील पर जताया था शक
पिता ने बेटी के गुम होने पर स्कूल के हिंदी शिक्षक पर शक जताया था। पिता ने पुलिस को बताया था कि कुछ दिन पहले बेटी का जन्मदिन था और उसके शिक्षक ने उसे एक पोर्टेबल सीडी प्लेयर गिफ्ट दिया था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और पांच दिन के बाद नाबालिग को उत्तराखंड के बागेश्वर से ढूंढ निकाला था। हालांकि दोषी शिक्षक पुलिस को चकमा देकर भाग गया था।
इसी साल हुई थी दोषी की गिरफ्तारी
पुलिस ने दोषी शिक्षक सुनील कुमार के खिलाफ 6 मार्च 2007 को आइपीसी की धारा 363 (अपहरण), 366-ए (नाबालिग लड़की को साथ ले जाने) और 120-बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया था। सितंबर 2007 में उसके खिलाफ आरोप तय किए गए थे। साल 2009 में कोर्ट ने दोषी भगोड़ा घोषित किया था। पुलिस ने उसे शहर में ट्रैक करने के बाद इसी साल गिरफ्तार किया था।