Move to Jagran APP

स्टूडेंट्स को अभी और झेलनी पड़ेगी सर्दी, वर्दी के पैसे ट्रांसफर होने में लगेंगे दस दिन

सर्दी का मौसम आधा बीत चुका है। फरवरी में मौसम करवट ले लेगा, लेकिन हैरत की बात है कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स अभी भी सर्दी से ठिठुर रहे हैं।

By Sat PaulEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 04:36 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 04:36 PM (IST)
स्टूडेंट्स को अभी और झेलनी पड़ेगी सर्दी, वर्दी के पैसे ट्रांसफर होने में लगेंगे दस दिन
स्टूडेंट्स को अभी और झेलनी पड़ेगी सर्दी, वर्दी के पैसे ट्रांसफर होने में लगेंगे दस दिन

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। सर्दी का मौसम आधा बीत चुका है। फरवरी में मौसम करवट ले लेगा, लेकिन हैरत की बात है कि सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले स्टूडेंट्स अभी भी सर्दी से ठिठुर रहे हैं।शिक्षा विभाग का कहना है कि वर्दियों के लिए बच्चों को और दस दिन का इंतजार करना पड़ेगा। पहली से आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स को गर्मी और सर्दी की वर्दी लेने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पैसा दिया जाता है। यह पैसा स्टूडेंट्स को सीधे उनके बैंक अकाउंट में दिया जाता है। जहां से माता-पिता खुद बच्चों को वर्दी खरीदकर देते हैं, लेकिन इस बार जनवरी का पहला सप्ताह भी गुजर चुका है, लेकिन पैसा स्टूडेंट्स को उनके अकाउंट में नहीं पहुंचा है।

loksabha election banner

90 हजार बच्चों को मिलना है वर्दी का पैसा

शहर में 115 सरकारी स्कूल हैं। जिनमें एक लाख बीस हजार स्टूडेंट पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से 90 हजार बच्चों को वर्दी के पैसे उनके अकाउंट में जाने हैं। पहले भी कई बार विभाग समय पर पैसे देने में विभाग असफल रहा है।

पैसा तो आया, लेकिन अकाउंट में ट्रांसफर करने की एप नहीं  

विभागीय सूत्रों की मानें तो पैसे शिक्षा विभाग को मिल चुके हैं, लेकिन इस बार उन पैसों को ट्रांसफर करने का तरीका बदल गया है। पहले पैसे डीईओ की तरफ से बच्चों के अकाउंट में ट्रांसफर होते थे, लेकिन इस बार यह पावर स्कूलों को दी है। स्कूलों के पास पैसे ट्रांसफर करने के लिए ऐप नहीं है। दस दिन तक इंतजार करना होगा।

छोटे स्वेटर डालकर स्कूलों में भेजने को मजबूर

- अभिभावक विक्रम सिंह का कहना है कि  उनका बच्चा चौथी क्लास में पढ़ाई कर रहा है। जो स्वेटर पिछले साल खरीदा था, उसे डालकर बच्चे को स्कूल भेजा जा रहा है, लेकिन वह छोटा हो चुका है। बच्चे से सर्दी से बचने का कोई खास प्रबंध अभी नहीं है।

-रीटा का कहना है कि उनके बच्चे को जब स्वेटर की जरूरत थी, तो किसी से उधार लेकर देना पड़ा है। अब यदि पैसा मिल भी जाता है, तो उसका बच्चे के लिए कोई फायदा नहीं है। विभाग से अपील है कि विभाग जल्द से जल्द पैसे अकाउंट में दे ताकि किसी ओर को पैसे मांगने न पड़े।

पैसा कहां से आना है, जानकारी नहीं

शिक्षा सचिव बंसीलाल शर्मा का कहना है कि वर्दी का पैसा कहां से आना है, इसकी कोई जानकारी नहीं है। हालांकि इस मामलेे में 7 जनवरी को ही कार्रवाई की जाएगी। ताकि पैसे बच्चों को जल्द से जल्द मिल सकें।

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.