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सरकार नौकरियों का प्रावधान करने में रही नाकामयाब : केसरी

भाजपा सरकार के इस बजट को दिवालिया कहा जाए तो गलत नहीं होगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 06:50 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 06:50 PM (IST)
सरकार नौकरियों का प्रावधान करने में रही नाकामयाब : केसरी
सरकार नौकरियों का प्रावधान करने में रही नाकामयाब : केसरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता हरमेल केसरी का कहना है कि भाजपा सरकार के इस बजट को दिवालिया कहा जाए तो गलत नहीं होगा। आज देश में 65 प्रतिशत के करीब जनसंख्या 35 वर्ष से कम युवाओं और युवतियों की है। लेकिन इस बार दिवालिया बजट में नौजवानों के रोजगार के लिए कुछ भी नहीं है। आज देश का नौजवान नौकरी के लिए जगह-जगह भटक रहा है। जबकि सरकार नौजवानों के लिए नई नौकरियां का प्रावधान करने में नाकामयाब रही है। इनकम टैक्स की स्लैब में जो बदलाव किया गया है, वो ऐसा दिखता है जैसे एक हाथ से देकर दूसरे हाथ से लेने कि काम सरकार कर रही है। यदि आप नई इनकम टैक्स स्लैब को अपनाते हैं तो आपको जो बच्चों की स्कूल फीस पर जो रीबेट मिलती थी, वह नहीं मिलेगी और न ही एलआइसी होने की रीबेट भी आपको मिलेगी। केसरी का कहना है कि यह बजट पूरी तरह से खोखला है, इसमें न तो कोई विचार है न कोई दृष्टि और न ही देश के सामने आने वाली समस्याओं का कोई समाधान है। जनता को प्रलोभन दे रही सरकार

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केसरी का कहना है कि सरकार ऐसे आंकड़े दिखाकर जनता को प्रलोभन दे रही है जो वास्तविकता से बहुत देर है। अर्थव्यवस्था कोमा में चली गई है। महगाई चरम पर है। भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन किसानों के लिए कोई छूट बजट में नहीं है। किसान देश का अन्नदाता है, सरकार के इस बजट से उम्मीद थी कि कृषि में प्रयोग होने वाली वस्तुओं पर जीएसटी में छूट मिलेगी। लेकिन सरकार इसमें विफल रही। सरकार ने वादा किया था कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी होगी लेकिन इसके लिए 12 प्रतिशत की ग्रोथ रेट चाहिए जो अभी 1.1 प्रतिशत है। आम लोगों की प्रतिक्रिया से पहले ही सेंसेक्स ने अपनी प्रतिक्रिया दे दी है। अगर आज देश में मोदी सरकार के इस बजट के बारे में कोई चर्चा है तो वह सिर्फ इतनी की वित्त मंत्री ने अपना भाषण काफी लंबा दिया है। चंडीगढ़ के लोगों को भी केंद्र सरकार से निराशा ही दी है। कोई नई ट्रेन की सुविधा शुरू नहीं की गई।


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