'अच्छा पढ़ने से जुड़ा है बेहतर लिखने का रास्ता, अपनी तरह का साहित्य ढूंढ़ना होनी चाहिए पहली प्राथमिकता'
बेहतर लिखने का रास्ता बेहतर पढ़ने से होता है। आप जितना बेहतर साहित्य पढ़ेंगे उतना ही बेहतर आपकी लेखनी होगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। बेहतर लिखने का रास्ता बेहतर पढ़ने से होता है। आप जितना बेहतर साहित्य पढ़ेंगे, उतना ही बेहतर आपकी लेखनी होगी। साथ ही अपनी तरह का साहित्य ढूंढ़ना भी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। साहित्य में कई वाद हैं, जिनमें से हम अपनी पंसद का वाद ढूंढ़कर अपनी लेखनी को बेहतर बना सकते हैं।
डॉ. सुनैना जैन ने कुछ इन्हीं शब्दों में क्रिएटिव राइटिंग से जुड़ी बारीकियों को साझा किया। एमसीएम डीएवी-36 में चल रही चार दिवसीय वर्कशॉप में कॉलेज के अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर डॉ. सुनैना और डॉ. प्रकृति ने स्टूडेंट्स को मास कम्यूनिकेशन और इंग्लिश लेंग्वेज के गुर सिखाए। वर्कशॉप में 25 स्टूडेंट्स ने हिस्सा लिया। पहले सत्र में एक्सेंट, ग्रामर और शब्दों से जुड़ी रोचक दुनिया से अवगत करवाया गया। दूसरे सत्र में क्रिएटिव राइटिंग स्किल्स, इंटरेक्शन, रीडिंग, राइटिंग स्किल्स और वर्कशीट के दिलचस्प अभ्यास भी करवाए गए।
इसके अलावा स्टूडेंट्स को ग्रुप डिस्कशन के बारे में भी जानकारी दी। अंत में स्टूडेंट्स के बीच एक ग्रुप डिस्कशन का आयोजन भी किया जिसमें स्टूडेंट्स ने वर्कशॉप के दौरान मिली सीख को प्रदर्शित किया।
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