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पंजाब के लाेगों के लिए खुशखबरी, कैप्‍टन सरकार ने बसों का किराया घटाया

पंजाब सरकार ने राज्‍य के लोगों को बड़ी राहत दी है। कैप्‍टन सरकार ने राज्‍य में बसों के किराये में कमी की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 08:55 AM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 09:08 AM (IST)
पंजाब के लाेगों के लिए खुशखबरी, कैप्‍टन सरकार ने बसों का किराया घटाया
पंजाब के लाेगों के लिए खुशखबरी, कैप्‍टन सरकार ने बसों का किराया घटाया

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के लोगों के लिए खुशखबरी है। राज्‍य सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बस के किराये में कटौती की है। इससे लोगों खासकर दैनिक यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। सरकार साधारण और एसी दाेनों तरह की बसों के किराये घटाए हैं।

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बता दें कि 5 नवंबर 2018 को डीजल के कीमतों में बढ़ोतरी को देखते हुए ट्रांसपोर्ट विभाग ने किराये में वृद्धि की थी। अब डीजल की कीमतों में कमी को देखते हुए बसों का किराया घटाने का फैसला किया गया है। ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार साधारण बस के किराये में आठ पैसे प्रति किलाेमीटर तथा साधारण एसी बस के किराये में 10 पैसे प्रति किलोमीटर की कमी की गई है।

इसके बाद अब साधारण बसों का किराया 1.09 रुपये प्रति किमी तथा साधारण एसी बस के किराया 130.80 पैसे प्रति किलोमीटर होगा। इससे पहले साधारण बसों का किराया प्रति किलोमीटर 1.17 रुपये और साधारण एसी बसों का किराया 140.40 पैसे प्रति किलोमीटर था।

डीए की एक किश्त देने की आलोचना की शिअद ने

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने पंजाब सरकार द्वारा महंगाई भत्‍ते (डीए) की एक किश्त मंजूर करने की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि डीए की चार किश्तें बकाया हैं। यही नहीं, कांग्रेस सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को जानबूझकर लटकाया जा रहा है और ठेके पर भर्ती किए गए कर्मचारियों को पक्का करने के लिए सरकार अब आनाकानी कर रही है।

डीए की किस्त जारी करने के लिए कैबिनेट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए अकाली दल के प्रधान ने कहा कि यह लोकसभा चुनाव के मौके कर्मचारियों को बेवकूफ बनाने के लिए किया गया चुनाव स्टंट है। उन्होंने कहा कि सरकार इससे पहले इसी तरह का भ्रम किसानों और नौजवानों को कर्ज माफ करने और घर घर नौकरी देने का वादा करके कर चुकी है।

सुखबीर बादल ने पत्रकारों को 12 हजार रुपये की पेंशन का दायरा बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि इसमें न केवल डेस्क के कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए बल्कि पेंशन लेने के हकदार पत्रकारों का अनुभव 20 साल से कम करके 10 साल किया जाए। उन्होंने कहा कि पेंशन की राशि 12 हजार से बढ़ाकर 24 हजार रुपये की जाए।


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