पंजाब यूनिवर्सिटी के हजारों युवाओं को मिलेगा गोल्डन चांस, पीयू सिंडीकेट ने तय की फीस
पंजाब यूनिवर्सिटी के हजारों युवाओं को डिग्री पूरा करने के लिए गोल्डन चांस मिलेगा। बुधवार पीयू सिंडीकेट में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी के हजारों युवाओं को डिग्री पूरा करने के लिए गोल्डन चांस मिलेगा। बुधवार पीयू सिंडीकेट में इस फैसले पर मुहर लगा दी गई। सिंडीकेट ने गोल्डन चांस की फीस भी तय कर दी है। ग्रेजुएट स्तर के स्टूडेंट्स को प्रति पेपर के लिए पांच हजार और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के स्टूडेंट को प्रति पेपर दस हजार के हिसाब फीस देनी होगी। मार्च 2019 में हुई सिंडिकेट बैठक में गोल्डन चांस पर तो फैसला हो गया था, लेकिन फीस तय नहीं हो पाई थी। इस फैसले से पीयू और इससे मान्यता प्राप्त कॉलेजों के करीब आठ हजार स्टूडेंट्स को लाभ मिलना है। खास बात यह है कि परीक्षा के लिए दस मई तक अप्लाई किया जा सकता है। वहीं एससी स्टूडेंट्स के लिए फीस हाफ रखी गई है।
नए सिलेबस के हिसाब से होगा पेपर
गोल्डन चांस के तहत स्टूडेंट्स को पेपर नए सिलेबस के हिसाब से देना होगा। उधर सिंडीकेट ने विभिन्न संकायों की फीस बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है। सिंडीकेट में सिर्फ पांच फीसद फीस बढ़ोतरी को ही पास किया है। गौरतलब है कि कि कई प्रोफेशनल विभागों में 70 फीसद तक फीस बढ़ाने का प्रस्ताव फीस कमेटी ने सिंडीकेट को भेजा था। फीस बढ़ोतरी को लेकर स्टूडेंट्स नेताओं द्वारा भी काफी विरोध किया जा रहा था। जिसके बाद सिंडीकेट ने पांच फीसद ही फीस बढ़ाई है।
नहीं मिली स्पेशल सीनेट कराने को मंजूरी-
कॉलेजों में पढ़ाने वाले प्रिंसिपल को एक्सटेंशन देने के मामले में सिंडिकेट सदस्य स्पेशल सीनेट बुलाने की मांग कर रहे थे लेकिन यह मांग बैठक में नहीं मानी गई और इसे खारिज कर दिया गया। यह पहली बार हुआ है जब सीनेटरों ने स्पेशल सीनेट की मांग की है, लेकिन उसे मानने से इंकार कर दिया है। वाइस चांसलर के अनुसार एक्सटेंशन लेना कोई उल्लंघन नहीं है। हालांकि इस फैसले से इस समय 6 प्रिंसिपल को फायदा मिला है जो कि एक्सटेंशन पर काम कर रहे है। उसमें शहर के एसडी कॉलेज सेक्टर-32 के ङ्क्षप्रसिपल डॉ. भूषण कुमार शर्मा भी शामिल है।
एमडीएस स्टूडेंट्स को देनी होगी बढ़ी हुई फीस, नहीं मिलेगी डिग्री
बैठक में वर्ष 2017-18 के दौरान एमडीएस की फीस को लेकर भी फैसला दिया गया। उस समय प्रोस्पेक्ट्स में कम फीस पब्लिश हुई थी जो कि बाद में बड़ा मामला बना था। ङ्क्षसडिकेट में तय किया गया कि स्टूडेंट्स को पीयू की तरफ से तय फीस को देना होगा। प्रोस्पेक्ट्स में चार लाख 29 हजार 85 रूपये फीस थी जबकि स्टूडेंट्स को चार लाख 48 हजार 372 रूपये देनी थी। बैठक में निर्णय लिया गया कि बिना फीस को जमा कराए डिग्री जारी नहीं की जाएगी।
एनआरआइ स्टूडेंट्स के लिए बढ़ी दो सीटें
बैठक में एनआरआई स्टूडेंट्स की सीट और फीस बढ़ाने का भी मुद्दा उठाया गया था लेकिन उसमें फीस को रोक दिया गया और हर कोर्स में दो सीटों को बढ़ा दिया गया है। इससे विदेशी स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा।
सोशल वर्क में पीजी करने के लिए देना होगा एंट्रेस टेस्ट
पंजाब यूनिवर्सिटी से सोशल वर्क में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए अब एंट्रेस टेस्ट देना होगा। पहले इस कोर्स के लिए ओपन एडमिशन होता था लेकिन बीते दो सालों से इस कोर्स के लिए 50 प्रतिशत तक आवेदक बढ़ रहे थे जिसके बाद एंट्रेस टेस्ट लेने पर सहमति बनी है।
पांच प्रतिशत तक बढ़ेगी फीस
विभिन्न कोर्सो में फीस बढ़ाने का मामला भी बैठक में उठाया गया। जिसमें मात्र पांच प्रतिशत ही फीस बढ़ोतरी को मंजूरी मिली है। एंजेडे में 5 से 79 प्रतिशत तक फीस बढ़ाने की डिमांड थी लेकिन मात्र पांच प्रतिशत सीट ही बढ़ी है। पूर्व वाइस चांसलर प्रो. अरुण कुमार ग्रोवर के समय में बीए और एमए की एग्जामिनेशन फीस को डबल कर दिया गया था। बैठक में इसे कम करने पर चर्चा हुई जिसके बाद कमेटी गठन को मंजूरी दी गई। यह कमेटी फीस की जांच कर कम करने का प्रयास करेगी।
निलंबन की कार्रवाई पर मांगा जवाब
नेशनल कॉलेज फॉर गर्ल फाजिल्का में चार टीचर्स को बिना कारण से सस्पेड किया गया था। उन टीचर्स की रिपोर्ट ङ्क्षसडिकेट ने कॉलेज प्रशासन से मांगी है। जिसमें डिमांड की गई है कि टीचर्स को संस्पेड करने का कारण क्लीयर किया जाए।