खेलो इंडिया में इस बार भी गोल्ड पर रहेगा मेरा टारगेट : सरताज
साल 2018-19 पुणे में आयोजित खेलो इंडिया शूटिग चैंपियनशिप में डीएवी कॉलेज-10 के शूटर सरताज सिंह टिवाना ने गोल्ड पर निशाना लगाया था है। शुक्रवार से असम के गुवाहाटी में खेलो इंडिया का आगाज हो रहा है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़ : साल 2018-19 पुणे में आयोजित खेलो इंडिया शूटिग चैंपियनशिप में डीएवी कॉलेज-10 के शूटर सरताज सिंह टिवाना ने गोल्ड पर निशाना लगाया था है। शुक्रवार से असम के गुवाहाटी में खेलो इंडिया का आगाज हो रहा है। 50 मीटर राइफल की अलग प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सरजात ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल उनकी काफी अच्छी तैयारी रही है, मैंने जूनियर नेशनल वर्ल्डकप के दौरान खूब मेहनत की थी। मैं मेडल जीतने से चूक गया, लेकिन फिर भी मेरी तैयारी काफी अच्छी है, मुझे उम्मीद है कि इस बार भी खेलो इंडिया में यकीनन गोल्ड मेडल जीतूंगा। मेरे मैच 17 और 18 जनवरी को है। सरताज कई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत चुके हैं मेडल
सरताज 50 मीटर राइफल की अलग-अलग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं और पिछले कई सालों से राष्ट्रीय स्तर मेडल जीत रहे हैं। पंजाब की तरफ से खेलने वाले यह सरताज ने बताया कि हर जीत आपमें आत्मविश्वास बढ़ाती है, इसलिए मेरी कोशिश यही रहेगी कि मैं टॉप पॉजीशन हासिल करूं। उपलब्धियां
साल 2016-17 पंजाब स्टेट शूटिग चैंपियनशिप में चार गोल्ड और एक ब्रांज मेडल जीता।
-61वीं नेशनल शूटिग चैंपियनशिप में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता।
-आइएसएसएफ वर्ल्ड कप ऑस्ट्रेलिया -2018 में देश का प्रतिनिधित्व किया। कोच विकास प्रसाद बोले भविष्य के चैंपियन हैं सरताज
शूटर सरताज सिंह टिवाना जब नेशनल कैंप में होते हैं तो उन्हें नेशनल शूटिग कोच सतगुरु रविदास से कोचिग देते हैं, लेकिन जब वह शहर में होते हैं वह इंटरनेशनल शूटर व कोच विकास प्रसाद से कोचिग लेते हैं। विकास प्रसाद ने बताया कि सरताज भविष्य के चैंपियन है, वह लगातार मेडल जीत रहे हैं, उनकी शानदार परफोरमेंस की एक वजह यही है कि वह शूटिग के दौरान दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करते हैं, वह उसी टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं जो उन्हें कोचिग के दौरान सिखाई जाती है, ज्यादातर खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में इसलिए मेडल जीतने से चूक जाते हैं, क्योंकि वह मैच में टेक्निक की बजाय अपने दिमाग का ज्यादा इस्तेमाल करने लग जाते हैं।