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पाक खिलाड़ी की चुनौती तोड़ना लक्ष्य : प्रभात

खेल चाहे कोई भी हो जब मुकाबला पाकिस्तान के साथ हो तो भारतीय खिलाड़ी पूरा जोर लगाते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 08:42 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 08:42 PM (IST)
पाक खिलाड़ी की चुनौती तोड़ना लक्ष्य : प्रभात
पाक खिलाड़ी की चुनौती तोड़ना लक्ष्य : प्रभात

वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : खेल चाहे कोई भी हो जब मुकाबला पाकिस्तान के साथ हो तो भारतीय खिलाड़ी दोगुने जोश से मैदान में उतरते हैं। ऐसा ही एक खिलाड़ी है, जो अपने इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाड़ी से भिड़ने वाला है। यह खिलाड़ी है 24 वर्षीय प्रभात जो पंजाब यूनिवर्सिटी में वुशु के खिलाड़ी हैं। प्रभात का सिलेक्शन इंटरनेशनल साउथ एशियन गेम्स 2019 के लिए हुआ है, जहां वह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। यह प्रतियोगिता एक से 10 दिसंबर तक नेपाल के काठमांडू में आयोजित होगी। अपने सिलेक्शन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनका सबसे पहला लक्ष्य पाक खिलाड़ी की चुनौती को तोड़ना है। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में वुशु का भी इवेंट है, जिसमें करीब 250 से 300 खिलाड़ी भाग ले रहें है। प्रभात वेसे तो मध्य प्रदेश के चचई गांव का रहने वाला है, लेकिन वह चंडीगढ़ में खालसा कॉलेज में पढ़ता है और पीयू में वुशु खेल रहा है। 75 किलो भार वर्ग में पाक खिलाड़ी चुनौती कठिन

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इस प्रतियोगिता में मैं भारत का प्रतिनिधित्व 75 किलो भार वर्ग में करूंगा और इसी कैटेगरी में पाकिस्तान का खिलाड़ी भी भाग ले रहा है। पाक खिलाड़ी इस वेट कैटेगरी में बहुत बार विजेता बना है। जिसकी वजह से उसके साथ होने वाली बाउट के लिए मैं अलग से रणनीति तैयार कर रहा हूं। मैं अपने आपको खुश किस्मत मानता हूं कि पहली इंटरनेशनल प्रतियोगिता में मेरा सामना पाक खिलाड़ी से होने वाला है। पेरेंट्स को पसंद नहीं है वुशु

वुशु खेल लड़ाई झगड़े का खेल है, जिसमें चोट लगना, खून निकलना या फिर कोई और इंजरी होना स्वाभाविक है। इस वजह से उनके माता पिता को अभी तक मेरा वुशु खेलना पसंद नहीं है। उसके बावजूद मैंने यह खेल नहीं छोड़ा। मेरे माता पिता दोनों पेशे से टीचर हैं, लेकिन मैंने खेल में भविष्य बनाने का मन बनाया और इस ओर आगे कदम बढ़ा रहा हूं। एशियन गेम्स से पहले मुझे जान बूझकर किया घायल

वर्ष 2018 में फेडरेशन कप का आयोजन हुआ था। जिसमें आए खिलाडि़यों ने उन्हें जान बूझ कर घायल किया था। जब मैं एशियन गेम्स के लिए ट्रायल देने गया तो मेरे चेहरे पर कट होने की वजह से मुझे बाहर कर दिया गया। उस दिन से मैंने लक्ष्य बना लिया था कि इंटरनेशनल लेवल पर जरूर खेलना है। उस पल का मलाल आज तक है। कोच ने बनाया इस लायक

प्रभात ने कहा कि वह आज जो भी है, उनके कोच उमेश यादव की वजह से है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने वुशु खेलना शुरू किया था तो कोच ने उन्हें कहा था कि प्रेक्टिस कभी मत मिस करना, यह बात उन्हें आज तक याद है। वह दिन में तीन बार प्रेक्टिस करते हैं। सुबह दो घंटे, दोपहर दो घंटे और शाम को तीन घंटे। उसके अलावा बीमार होने पर भी वह प्रेक्टिस नहीं छोड़ते।


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