GMADA से धोखे से मुआवजा लेने का मामला: विजिलेंस राडार पर IAS-PCS अधिकारियों के रिश्तेदार और करीबी
विजिलेंस की ओर से बीते दिनों गमाडा अधिकारियों सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी षडयंत्र रचने भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट की अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अब तक की जांच में 60 करोड़ के धोखे से मुआवजे के तौर पर लेने का पता चला है।

चंडीगढ़, राज्य ब्यूरो। ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA) से धोखे से करोड़ों रुपये मुआवजे के तौर पर लेने के आरोप में मोहाली विजिलेंस ब्यूरो राज्य के मौजूदा आइएएस, पीसीएस अधिकारियों के रिश्तेदारों व करीबियों को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाने की तैयारी कर रहा है। अपनी जमीनों पर अमरुद के बाग दिखा मुआवजा लेने वालों फिरोजपुर के डीसी राजेश धीमान की पत्नी जसमीन कौर के अलावा कई पीसीएस व आईएएस अधिकारियों के नाम सामने आ रहे है।
उल्लेखनीय है कि राजेश धीमान पहले पीसीएस थे और गमाडा में कई अहम पदों पर तैनात रहे। उन्हें कुछ समय पहले ही प्रमोट कर आइएएस बनाया गया है। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि गमाडा के बागवानी विभाग में पिछले एक दशक में जो अधिकारी व कर्मचारी तैनात रहे हैं उनके रिकॉर्ड को जांचा जाएगा। इनमें से कई अधिकारी रिटायर हो चुके हैं।
15 के खिलाफ केस दर्ज, 60 करोड़ की धोखाधड़ी
विजिलेंस की ओर से इस मामले में बीते दिनों गमाडा अधिकारियों सहित कुल 15 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने, भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट की अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अब तक की जांच में 60 करोड़ के धोखे से मुआवजे के तौर पर लेने का पता चला है। यह राशि ओर भी बढ़ सकती है। विजिलेंस ने मामले में 15 आरोपितों में से आठ को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार अरोपितों मोहाली के गांव बाकरपुर निवासी पटवारी बचित्र सिंह (मौजूदा में कानूनगो), प्रापर्टी डीलर भूपिंदर सिंह , सुखदेव सिंह, मुकेश जिंदर, शमां जिंदल, फेज-2 माडल टाउन बठिंडा निवासी प्रवीन लता, सेक्टर-40 डी निवासी विशाल भंडारी, सेक्टर-79 बिंदर सिंह निवासी शामिल है। जबकि बागबानी विभाग के आफिसर जसप्रीत सिंह सिद्धू , वैशाली, दिनेश कुमार, रश्मि अरोडा, अनिल अरोडा, विशाल भंडारी अभी फरार हैं। इन आरोपितों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है।
क्या है मामला
विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक, साल 2016 में गमाडा ने मोहाली में अलग-अलग गांवों की जमीन एक्वायर की थी। सरकार ने 5 दिसंबर 2017 को सेक्शन 4 के अधीन, वर्ष 2019 में सेक्शन 11 के तहत व वर्ष 2020 में सेक्शन 19 के तहत अलग-अलग नोटिफिकेशन जारी किए थे।
बाकरपुर के प्रापर्टी डीलर भूपिंदर सिंह ने गमाडा, रेवन्यू विभाग व बागबानी विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके अपने अन्य साथियों अनिल जिंदल, मुकेश जिंदल, विकास भंडारी के साथ मिलकर बाकरपुर गांव के लोगों की जमीन लीज (पट्टे) पर लेनी शुरू कर दी।
अमरूदों के बाग से जुड़ा पूरा घोटाला
इस जमीन पर अमरूदों के बाग लगाने शुरू कर दिए। इन लोगों ने रेवन्यू विभाग के हलका पटवारी बचित्र सिंह के साथ मिलकर वर्ष 2019 में एक जाली गिरदावरी रजिस्टर्ड तैयार कर ली, जिसमें वर्ष 2016 में अपनी जमीन में अमरूदों के बाग लगने दर्शाए गए। आरोपितों ने गैर कानूनी ढंग के साथ करोड़ों रुपये मुआवजा सरकार से लिया।
विजिलेंस की जांच में पाया गया कि इस केस के मुख्य आरोपी भुपिंदर सिंह ने अपने सहित अपने परिवारिक सदस्यों के सरकार की ओर से अमरूदों के बागों का करीब 24 करोड़ रुपये मुआवजा लिया है। मुकेश जिंदल निवासी बठिंडा ने अपने व अपने परिवारिक मैंबरों के नाम पर करीब 14 करोड़ व विकास भंडारी व उसके भाई विशाल भंडारी निवासी चंडीगढ़ ने करीब 20 करोड़ रुपये मुआवजा लया है।
इस केस में कई और व्यक्तियों की ओर से अपनी जमीन में अमरूदों के बाग दिखाकर गैर कानूनी ढंग के साथ सरकार से करोड़ों रुपये का मुआवजा लिया गया है। जिसकी जांच जारी है। विजिलेंस एफआइआर में कहा गया है कि नियमों के मुताबिक एक एकड़ में 132 पौधे होने चाहिए थे लेकिन आरोपितों ने 2000 से 2500 तक पौधे लगा दिए।
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