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Sports Complex में लड़कियां भी कुश्ती में नाम कमाने के लिए बहा रहीं पसीना Chandigarh News

मनीमाजरा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में रेसलिंग कोच दर्शन लाल की मानें तो अब लड़कियां भी कुश्ती में नाम कमाने के लिए खूब मेहनत कर रही हैं।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 12:29 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 03:16 PM (IST)
Sports Complex में लड़कियां भी कुश्ती में नाम कमाने के लिए बहा रहीं पसीना Chandigarh News
Sports Complex में लड़कियां भी कुश्ती में नाम कमाने के लिए बहा रहीं पसीना Chandigarh News

चंडीगढ़, [विकास शर्मा]। कुछ साल पहले तक कुश्ती को मात्र पुरुषों का खेल समझा जाता था, लेकिन कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे मुकाबलों में देश की महिला पहलवानों के उम्दा प्रदर्शन और दंगल जैसी फिल्में आने के बाद इस मामले में लोगों का नजरिया तेजी से बदला है। इसका असर मनीमाजरा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में भी साफ नजर आ रहा है। यहां के रेसलिंग कोच दर्शन लाल की मानें तो अब लड़कियां भी कुश्ती में नाम कमाने के लिए खूब मेहनत कर रही हैं। यहां तक कि कुछ लोग अपनी बेटियों को रेसलर बनाने की मंशा से कोचिंग दिलाने के लिए खुद आगे आ रहे हैं। मनीमाजरा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में इन समय पांच लड़कियां नियमित रूप से रेसलिंग सीख रही हैं। जबकि सेक्टर -34 के स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में 10 लड़कियां रेसलिंग की कोचिंग ले रही हैं।

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 कोटा में बेहतर प्रदर्शन की तैयारियों में जुटीं श्रुति

डीएवी पब्लिक स्कूल-8 में पढ़ने वाली श्रुति पिछले तीन साल से इंटर स्कूल और इंटर स्टेट टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीत रही हैं। अंडर -15 कैटेगरी में खेलने वाली श्रुति खेलो इंडिया में भी चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। श्रुति ने बताया कि शुरुआत में कुश्ती अजीब लगती थी, लेकिन जैसे -जैसे इस खेल से जुड़ाव बढ़ता गया इसे लेकर जुनून भी बढ़ा। अब मैं इस खेल को काफी पसंद करती हूं, इसमें ही अपना कैरियर बनाना चाहती हूं। इसी महीने 21 से 23 जून को कोटा में आयोजित होने वाली नेशनल गेम्स के लिए भी श्रुति का चयन हुआ है।

यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट में रेसलिंग की एक भी महिला कोच नहीं 

लड़कियां भले ही अब कुश्ती में दिलचस्पी दिखा रही हों, लेकिन यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट इस मामले में गंभीर नहीं है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट में अभी कुश्ती की एक भी महिला कोच नहीं है। ऐसे में कई खिलाड़ी चाहकर भी इस खेल से जुड़ने में परहेज करती हैं। चाहे परेशानी की कोई बात न हो, लेकिन फिर भी पुरुष कोच के साथ प्रेक्टिस करने में खिलाड़ी खुद को असहज महसूस करती हैं। यकीनन यदि महिला कोच तैनात हो तो खिलाड़ी भी पूरे आत्मविश्वास के साथ अभ्यास कर सकेंगी।

 मुकाबलों के लिए खुद को तैयार कर रहीं अंजली

 गवर्नमेंट स्कूल मनीमाजरा में पढ़ने वाली अंजली ने बताया कि पहले वह बैडमिंटन खेलती थीं। मनीमाजरा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में कुश्ती कोचिंग सेंटर खुला था, तो शौक -शौक में कुश्ती शुरू की। अब मुङो कुश्ती से ही भविष्य संवारना चाहती हूं। अभी मैंने कुश्ती में कोई प्रतियोगिता तो नहीं जीती है, लेकिन लगातार अभ्यास के जरिये खुद को प्रतियोगिताओं के लिए तैयार कर रही हूं।

 कुश्ती में लड़कियों के लिए अवसरों की कमी नहीं : प्रियंका

 गवर्नमेंट स्कूल मनीमाजरा में पढ़ने वाली प्रियंका ने बताया कि दंगल फिल्म देखकर उसने भी कुश्ती करने का फैसला किया। अभी मुङो कुश्ती सीखते हुए कुछ ही समय हुआ है। अभी भी कम ही लड़कियां कुश्ती सीखती हैं। ऐसे में मुङो लगता है कि इसमें कामयाबी के बेहतर मौके हैं।

यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट की तरफ से अभी सेक्टर -34 के स्पोट्र्स कांप्लेक्स में जो¨गदर सिंह और मनीमाजरा स्पोट्र्स कांप्लेक्स में दर्शन लाल कुश्ती की कोचिंग दे रहे हैं। लड़कियों के लिए महिला कुश्ती कोच हो इसके लिए हाई अथॉरिटी से बात की गई है, यकीनन महिला कोच की नियुक्ति जल्द होगी। - मोहिंदर सिंह, ज्वाइंट स्पोर्ट्स डायरेक्टर, यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट

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