Move to Jagran APP

घुम्मण घुमाण नूं तां थार रखी है... सन्नी दियोल को भी देना पड़ा सिफारिशी पत्र, पढ़ें पंजाब की और भी रोचक खबरें

पंजाब के विधायक दिनेश बब्बू को बेटी का थार गाड़ी देने लिए डीलर को सनी दियोल का सिफारिशी पत्र देना पड़ा। वहीं अब जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी थार गाड़ी भा गई है। वह फार्च्यूनर छोड़ इस पर चलेंगे।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 22 Aug 2021 01:46 PM (IST)Updated: Sun, 22 Aug 2021 01:46 PM (IST)
घुम्मण घुमाण नूं तां थार रखी है... सन्नी दियोल को भी देना पड़ा सिफारिशी पत्र, पढ़ें पंजाब की और भी रोचक खबरें
पंजाब में थार बन रही मंत्री की पसंद।

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। मोहिंदरा कंपनी की थार आजकल बहुत चर्चा में है। यहां तक कि सांसदों को यह गाड़ी लेने या किसी को दिलाने के लिए सिफारिशी पत्र भी देने पड़ रहे हैं। गुरदासपुर से भाजपा सांसद सन्नी दियोल ने अपने हलके एक भाजपा विधायक दिनेश बब्बू की बेटी को यह गाड़ी देने के लिए डीलर को सिफारिशी पत्र देना पड़ा, जिसमें उन्होंने कहा कि गाड़ी आउट आफ टर्न दे दी जाए। यह पत्र इंटरनेट मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। अब पता चला है कि जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी यह गाड़ी भा गई है। उन्होंने अपने फार्च्यूनर गाड़ी को छोड़कर इस पर चलने का फैसला किया है। आजकल वह इसी गाड़ी पर दिखाई पड़ रहे हैं, लेकिन गाड़ी असली धूम तो पंजाबी लोक गायिका सुनंदा शर्मा के गाने के कारण है जिसमें वह कह रही हैं घुम्मण घुमाण नूं तां थार रखी है, बुलेट तां रखेया पटाके पाण नूं।

loksabha election banner

सांसद का पद बड़ा कि सलाहकार का

कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू आजकल खुद इतनी चर्चा में नहीं है जितना उनके सलाहकारों की चर्चा हो रही है। पहले पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा के यह पद स्वीकार न करने के कारण चर्चा हुई। उन्हें लगा कि वह राज्य के डीजी रैंक के अफसर हैं। वह सलाहकार कैसे बन सकते हैं । जैसे ही सिद्धू ने उन्हें प्रिंसिपल स्ट्रेटजिक एडवाइजर बनाया उन्होंने तुरंत स्वीकार कर लिया। एक और सलाहकार मालविंदर माली तो पहले दिन से ही खूब चर्चा में हैं। अब पता चला है कि एक और सलाहकार डॉ. अमर सिंह को एक मंत्री ने खूब खरी खोटी सुनाईं। उन्होंने कहा, सिद्धू ने ही आपको भ्रष्ट कहकर अपने ओएसडी पद से हटाया था अब फिर उनकी झोली में जाकर बैठ गए हो। क्या आपके लिए सांसद का ओहदा छोटा है जिसकी टिकट कैप्टन अमरिंदर ने आपको दिलाई थी। मैं आपकी जगह होता तो इस ओहदे को लात मार देता।

दो किश्तियों के सवार डूबे

इन दिनों माझा ब्रिगेड की काफी चर्चा हो रही है। पार्टी और सरकार में तालमेल के लिए दस सदस्यीय कमेटी बनाई गई है लेकिन माझा ब्रिगेड को कहीं नहीं रखा गया। माझा ब्रिगेड में शामिल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया शामिल हैं। तीनों कैप्टन के खासमखास मंत्रियों में शुमार थे, लेकिन किसी न किसी कारण से एक-एक करके वे कैप्टन से दूर हो गए और कैप्टन अमरिंदर के राजनीतिक विरोधी नवजोत सिद्धू के करीब चले गए। सिद्धू जब प्रधान बने तो सुखजिंदर रंधावा उन्हें एक-एक मंत्री से मिलवाने ले गए। बाजवा ने चायपानी का बंदोबस्त किया । सिद्धू ने दस सदस्यीय तालमेल कमेटी बनाई तो ये तीनों कहीं नहीं हैं। मंत्रियों में कैप्टन, ब्रह मोहिंदरा, मनप्रीत बादल और अरुण हैं तो पार्टी से सिद्धू, चार कार्यकारी प्रधान और परगट सिंह सिद्धू ने भी इनको लेने के पक्ष में नहीं बोले।

औरों को नसीहत ,खुद मियां फजीहत

शिरोमणि अकाली दल के विधानसभा में नेता आम आदमी पार्टी पर लगातार इस बात का दबाव बनाते रहते हैं कि अपनी विपक्ष के नेता की कुर्सी बचाने के लिए वे अपने उन विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते जो पार्टी को छोड़ गए हैं। इनमें सुखपाल खैहरा, पिरमल सिंह, जगदेव कमालू तो कांग्रेस में ही चले गए हैं, जबकि कंवर संधू, नाजर सिंह मानशाहिया और मास्टर बलदेव सिंह के बारे में भी कोई फैसला नहीं लिया है। अगर इन आधा दर्जन विधायकों को आप से निकाल दिया जाता है तो विपक्ष के नेता की कुर्सी पर सवाल आ जाएगा, क्योंकि फिर यह शिअद को चली जाएगी, लेकिन आप नेताओं पर ऐसी अंगुली उठाने वाले नेता अपने विधायक परमिंदर ढींडसा के खिलाफ कार्रवाई करना भूल जाते हैं। ढींडसा भी अकाली दल को अलविदा कह चुके हैं पर विधानसभा में वह पार्टी का हिस्सा हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.