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लॉकडाउन में गोशालाओं को नहीं मिल रहा दान, चारे के प्रबंध के लिए संचालक परेशान

कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। इस दौरान लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने तमाम प्रबंध किए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Apr 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sun, 12 Apr 2020 06:05 AM (IST)
लॉकडाउन में गोशालाओं को नहीं मिल रहा दान, चारे के प्रबंध के लिए संचालक परेशान
लॉकडाउन में गोशालाओं को नहीं मिल रहा दान, चारे के प्रबंध के लिए संचालक परेशान

विकास शर्मा, चंडीगढ़

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कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लागू है। इस दौरान लोगों को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन ने तमाम प्रबंध किए हैं। लेकिन शहर में चल रही चार बड़ी गोशालाओं में रखी गई हजारों गो वंस का पेट कैसे भरे इसके प्रति कोई ठोस प्रबंध नहीं किया गया है। जिससे इन गोशाला संचालकों को खासी दिक्कत हो रही है।

लॉकडाउन की वजह से लोग नहीं कर पा रहे दान सेक्टर-45 और मोहाली इंडस्ट्रियल एरिया में गोशाला चलाने वाले गौरी शंकर सेवा दल एनजीओ के प्रेसिडेंट रमेश शर्मा निक्कू ने बताया कि हमारी दोनों गोशालाओं में करीब एक-एक हजार गाय हैं। यह दोनों गोशालाएं लोगों के सहयोग से चलती हैं। मोहाली की गोशाला के लिए पंजाब सरकार की तरफ से प्रति गाय पर रोज के 13 रुपये मिलते हैं। लेकिन 13 रुपये काफी कम हैं, ऐसे में हमें इस गो परिवार का पेट भरने के लिए लोगों की मदद चाहिए होती है। लेकिन दिक्कत यह है कि लॉकडाउन की वजह से लोग घरों से नहीं निकल पा रहे, जिस वजह से हमें जरूरत के हिसाब डोनेशन नहीं मिल पा रही है, जिससे गोवंस के चारे के लिए खासी दिक्कत हो रही है। उधार पर चारा लेकर भरा जा रहा है इन गायों का पेट

निक्कू ने बताया कि हम सालों से इन गोशालाओं का संचालन कर रहे हैं ऐसे में अभी जो व्यापारी हमें नियमित रूप से चारा बेचते हैं वही हमें अभी उधार में चारा दे रहे हैं। यदि लॉकडाउन और बढ़ा तो ज्यादा मुश्किल हो जाएगी। इसलिए सरकार तुरंत इसकी व्यवस्था करे। शहर में चल रही है तीन अन्य बड़ी गोशालाएं

शहर में मौजूदा समय में तीन अन्य बड़ी गौशालाएं हैं। इनमें इंडस्ट्रियल एरिया गोशाला में 700 के करीब गाय हैं। इसका संचालन नगर निगम करता है। सेक्टर -25 की गोशाला का संचालन पीपुल फॉर एनिमल की तरफ से किया जाता है। इसमें 325 गाय हैं। इसकी मैनेजर सीमा ने बताया कि हमें कोई दिक्कत नहीं आ रही है, क्योंकि हमें डोनेट करने वाले लोग खुद ही नियमित तौर पर दान कर देते हैं। वहीं मलोया गोशाला का संचालन साईं मंदिर की तरफ से किया जाता है।


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