चंडीगढ़ के GMCH-32 में नवजात की मौत, पुलिस की लापरवाही से 64 दिन बाद मासूम को नसीब हुई मिट्टी
चंडीगढ़ के जीएमसीएच-32 में 20 अक्टूबर को एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। बच्चे की चंद पलों के बाद ही मौत हो गई थी। डाक्टर ने बच्चे के शव को मोर्चरी में रखवा दिया था। लेकिन देर रात माता-पिता मृत मासूम को छोड़कर भाग गए।
चंडीगढ़, कुलदीप शुक्ला। जीएमसीएच-32 में जन्म के चंद पल बाद ही एक नवजात की मौत हो गई। कोरोना टेस्ट के लिए एक दिन का इंतजार करने की बात सुनकर माता-पिता भी शव को मोर्चरी में लावारिश छोड़कर भाग गए। अब यूटी पुलिस की लापरवाही और लेटलतिफी की वजह से एक दिन के मासूम को 64 दिन के बाद मिट्टी नसीब हुई। समाजसेवी मददलाल वशिष्ठ ने यूटी पुलिस के जांच अधिकारी सहित आला अधिकारियों पर जवाब नहीं देने का आरोप लगाया है। जबकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शिनाख्त प्रक्रिया के बाद मासूम का मिट्टी संस्कार करवा दिया गया है।
मौत के बाद माता-पिता भी छोड़कर भागे, पता निकला फर्जी
20 अक्टूबर को जीएमसीएच-32 में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। संदिग्ध वजह से बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई। डाक्टर ने बच्चे के माता-पिता को बताया कि अगले दिन कोरोना टेस्ट होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया की जाएगी। इसके बाद मासूम के शव को मोर्चरी में रखवा दिया। देर रात माता-पिता मोर्चरी में मृत मासूम को छोड़कर भाग गए। अस्पताल प्रशासन द्वारा रोपड़ पुलिस को जानकारी दी गई। बच्चे के माता-पिता ने पंजाब के रोपड़ का फर्जी पता लिखा था। जिसके बाद शिकायत यूटी पुलिस को दी।
जीएमसीएच-32 में मासूम बच्चे की मौत के बाद माता-पिता भी छोड़कर भाग गए। यूटी पुलिस के जांच अधिकारी, थाना प्रभारी सहित आला अधिकारियों की लापरवाही से मासूम का 64 दिन बाद मिट्टी संस्कार हुआ है। मोर्चरी में एक दिन के मृत बच्चे का शव भी सिकुड़ चुका था, जबकि यूटी पुलिस विभाग के निर्देश है कि सात दिनों के अंदर ही शव का संस्कार करवाना अनिवार्य है।
मदनलाल, वशिष्ठ समाजसेवी, आल इंडिया सेवा समिति
मुझे जीएमसीएच-32 में मासूम बच्चे की मौत की डेढ़ सप्ताह पहले ही जानकारी मिली थी। शिनाख्त प्रक्रिया सहित कानूनी जांच के बाद मासूम के शव का मिट्टी संस्कार करवा दिया गया है। पुलिस की कानूनी प्रक्रिया में मामले की जांच के तहत समय लग जाता है।
श्रुति अरोड़ा, एएसपी साउथ