'अमृतपाल का एक भाषण लगा सकता पंजाब की पांच नदियों में आग', सरकार की दलील- पैरोल देना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में अमृतपाल सिंह की पेरोल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने पंजाब सरकार को पेरोल अर्जी खारिज करने का आधार पेश करने का निर्देश द ...और पढ़ें
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अमृतपाल सिंह को पैरोल देने पर पंजाब सरकार ने किया इनकार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से सोमवार तक वह 'बुनियादी सामग्री' प्रस्तुत करने को कहा, जिसके आधार पर सांसद अमृतपाल सिंह की संसद के शीतकालीन सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम रिहाई की मांग को खारिज किया गया। यह निर्देश तब आया जब राज्य सरकार ने अदालत में कहा कि अमृतपाल सिंह का एक भाषण भी पंजाब की पांच नदियों में आग लगा सकता है।
सांसद को किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंच देने से राज्य की सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो जाएगा। खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह अप्रैल 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष सोमवार को राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुपम गुप्ता ने यह बात कही।
उन्होंने अदालत को बताया सांसद की अंतरिम रिहाई से “राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय रक्षा” के मुद्दे दांव पर हैं और सरकार के पास इस संबंध में विस्तृत सामग्री है, जिसे सोमवार को रिकॉर्ड पर लाया जाएगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सुझाव का लोकसभा स्पीकर के पक्ष ने किया विरोध
अमृतपाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस बैंस ने तर्क दिया कि सांसद को संसद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल होने की अनुमति दी जा सकती है। लोकसभा अध्यक्ष की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल आफ इंडिया सत्य पाल जैन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि संसद में ऐसी व्यवस्था उपलब्ध नहीं है।
अमृतपाल की यह दलील कि 60 दिन तक अनुपस्थिति रहने पर सीट खाली घोषित हो सकती है, पर जैन ने कहा कि उनकी अनुपस्थिति 8 अगस्त तक अनदेखी हो चुकी है और उसके बाद कोई नया अनुरोध नहीं आया।
ऐसे में सीट खाली घोषित होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इसके साथ ही अमृतपाल ने बारामूला के सांसद और एनएसए बंदी इंजीनियर राशिद को दिल्ली की अदालत द्वारा संसद सत्र में शामिल होने की अनुमति दिए जाने का उल्लेख करते हुए उसे भी अनुमति देने की मांग की।

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