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पंजाब में श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा, 150 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर

पंजाब में श्रमिकों के रजिज्ञस्‍ट्रेशन में बड़े फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके बाद सरकार ने रजिस्‍ट्रेशन बंद कर दिया है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 08:13 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 08:13 AM (IST)
पंजाब में श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा, 150 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर
पंजाब में श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा, 150 आवेदनों में एक ही मोबाइल नंबर

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा सामने आया है। बीते दो माह में आए 70 हजार नए आवेदनों में 150 ऐसे आवेदन हैैं जिनमें एक ही मोबाइल नंबर है। विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विजय कुमार जंजुआ ने इन आवेदनों पर संहेद होने के बाद रजिस्ट्रेशन का काम बंद करवा दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूरे मामले की जांच करवाने की इजाजत मांगी है। 

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बीते दो माह में आए 70 हजार नए आवेदनों की जांच करवाने की तैयारी

दरअसल प्रदेश सरकार ने कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान रजिस्टर्ड श्रमिकों के खाते में तीन-तीन हजार रुपये दो बार डाले थे। इसको देखते हुए  कंस्ट्रक्शन लेबर के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करने वालों की बाढ़ आ गई है। इससे पहले दो माह में 70 हजार आवेदन कभी नहीं आए थे।

माना जा रहा है कि पैसों के लालच में लोग रजिस्ट्रेशन करवाने लगे हैैं। उन्हें लगता है सरकार फिर बैैंक खाते में पैसे डाल सकती है। अभी तक पंजाब में 3.30 लाख कंस्ट्रक्शन लेबर रजिस्टर्ड है। प्रदेश सरकार की ओर से कुल 176 करोड़ रुपये श्रमिकों के खाते में डालने के लिए जारी किए गए थे।

श्रम विभाग ने रजिस्ट्रेशन का काम किया बंद, सीएम से जांच की मांगी इजाजत

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद श्रम विभाग ने रजिस्ट्रेशन का काम बंद करने के साथ ही कामन सर्विस सेंटर को भी बंद कर दिया है। जिलों में इसी सेंटर पर रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म लिए जाते थे। हालांकि श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन के समय विभाग द्वारा आधार कार्ड व पहचान पत्र भी लिए जाते हैैं, लेकिन 150 आवेदनों पर एक ही मोबाइल नंबर होने से विभाग का गोलमाल की आशंका है।

लॉकडाउन के दौरान रजिस्टर्ड श्रमिकों के खाते में सरकार ने डाले थे छह हजार रुपये

जंजुआ के मुताबिक यह भी पता चला है कि कुछ लोगों ने सरकार द्वारा श्रमिकों के बैैंक खाते में पैसे डालने की घोषणा के बाद  200 से 400 रुपये लेकर ऐसे लोगों के भी फार्म भरवाए जोकि कंस्ट्रक्शन लेबर नहीं है। इसलिए इसकी जांच होनी बहुत जरूरी है। एक अनुमान के मुताबिक पंजाब में तकरीबन 25 लाख के करीब कंस्ट्रक्शन लेबर है। इनमें काफी संख्या में दूसरे राज्यों की लेबर है जो यहां रजिस्ट्रेशन नहीं करवाती है।

रजिस्टर्ड श्रमिकों की सहायता के लिए पंजाब सरकार ने लेबर फंड बनाया हुआ है। बीते मार्च माह तक इस फंड में 800 करोड़ रुपये के करीब था। प्रत्येक वर्ष करीब 200 करोड़ रुपये लेबर फंड के रूप में एकत्रित किया जाता है।

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यह गंभीर मामला है : जंजुआ

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी विजय कुमार जंजुआ ने कहा कि रजिस्ट्रेशन में अनियमितता बहुत गंभीर मामला है। श्रम विभाग के अलावा कुछ और विभागों के द्वारा भी पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए जिससे सच्चाई सामने आ सके।

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