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जज नोट कांड : CBI की बढ़ रही मुसीबतें, दो गवाह पहले दिए बयानों से मुकरे Chandigarh News

बहुचर्चित जज नोट कांड में शनिवार को सीबीआइ की स्पेशल अदालत में चार लोगों की गवाही हुई। वहीं शनिवार को भी मामले में दो गवाह अपने पहले दिए बयानों से मुकर गए।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:58 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 12:03 PM (IST)
जज नोट कांड : CBI की बढ़ रही मुसीबतें, दो गवाह पहले दिए बयानों से मुकरे  Chandigarh News
जज नोट कांड : CBI की बढ़ रही मुसीबतें, दो गवाह पहले दिए बयानों से मुकरे Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। बहुचर्चित जज नोट कांड में शनिवार को सीबीआइ की स्पेशल अदालत में चार लोगों की गवाही हुई। वहीं, शनिवार को भी मामले में दो गवाह अपने पहले दिए बयानों से मुकर गए। इससे अब अभियोजन पक्ष की समस्या बढ़ सकती है क्योंकि इससे पहले भी कई गवाह अपने बयानों से मुकर गए है। ऐसे में अदालत ने शनिवार को दोनों गवाहों को हॉस्टाइल कर दिया।

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वहीं, अदालत ने आरोपित निर्मल यादव (रिटायर्ड जस्टिस) का पासपोर्ट रिन्यू करवाने के लिए कोर्ट द्वारा पासपोर्ट अथॉरिटी को आदेश देने की जो याचिका थी, उसको खत्म कर दिया है। सीबीआइ वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पासपोर्ट एक्ट-1967 के मुताबिक कोर्ट पासपोर्ट अथॉरिटी को इस संबंध में आदेश नहीं दे सकती। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी।

इन चार लोगों ने दी गवाही

अदालत में चार गवाहों ओपी सिंह, लक्ष्मी कांत, कुलदीप सिंह और विमल भारद्वाज की गवाही हुई। इनमें से देहरादून निवासी विमल भारद्वाज और हरियाणा के जिला अंबाला निवासी कुलदीप सिंह को ही अदालत ने हॉस्टाइल करार दे दिया। विमल भारद्वाज ने सीबीआइ को पहले दिए अपने बयानों में बताया था कि वह आरोपित रविंद्र भसीन का कुछ राजनेताओं, ज्यूडिशियरी में अच्छे संबंध है और उसके होटल में भी कुछ लालबत्ती वाली गाडिय़ों खड़ी रहती थी। यह भी कहा था कि अगस्त, 2008 के आखिरी हफ्ते में रविंद्र अपने परिवार के साथ उसके घर पर डिनर के लिए आया था।

रविंद्र ने उसे कहा था कि उसने जस्टिस निर्मल यादव के साथ मिलकर हिमाचल प्रदेश में कुछ जगह खरीदी है। इसके लिए उसने अपने दोस्त संजीव बंसल के जरिये निर्मल यादव के घर पर 15 लाख रुपये भेजे थे। लेकिन कुछ कम्युनिकेशन गेप होने की वजह से वह पैसे किसी और जज के यहां पर चले गए जिसकी वजह से वह समस्या में आ गया है।

वहीं, अब अदालत में विमल ने कहा कि सीबीआइ ने इससे पहले उनके बयान लिए ही नहीं थे। वह रविंद्र के होटल में रुकता था लेकिन तब वह दिल्ली में अपने बिजनेस के सिलसिले से जाता था और तब रविंद्र के होटल में रुकता था। इसके अलावा वह अपने काम में व्यस्त होता था इसलिए उसे नहीं पता कि होटल में कोई वीआइपी आता था या नहीं।

कुलदीप ने दिए ये बयान

वहीं, कुलदीप ने सीबीआइ को दिए अपने पहले बयानों में कहा था कि सितंबर 2008 के दूसरे हफ्ते में रविंद्र अपने परिवार के साथ उसके घर पर आया था और अपने केस के बारे में सब बताया था। वहीं, अब अदालत में कुलदीप ने बयानों से पलटते हुए कहा कि न तो सीबीआइ ने उसके बयान लिए थे और उसे इस केस की जानकारी न्यूज पेपर से पढ़कर मिली थी। यह भी कहा कि वर्ष 2008 में रविंद्र से उसकी मुलाकात हुई ही नहीं थी।

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