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चार महीने से 40 Assistant Professor को नहीं मिला वेतन, कार्यालयों के काट रहे चक्कर Chandigarh News

शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने की जानकारी जब यूटी प्रशासन में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंची तो वह भी यह सुनकर हैरान हैं कि चार महीने से वेतन कैसे रुक सकता है।

By Sat PaulEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 09:13 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 05:52 PM (IST)
चार महीने से 40 Assistant Professor को नहीं मिला वेतन, कार्यालयों के काट रहे चक्कर Chandigarh News
चार महीने से 40 Assistant Professor को नहीं मिला वेतन, कार्यालयों के काट रहे चक्कर Chandigarh News

चंडीगढ़, [डॉ. सुमित सिंह श्योराण]। शहर के तीन सरकारी कॉलेजों के करीब 40 असिस्टेंट प्रोफेसरों (अस्थायी) को बीते चार महीने से वेतन नहीं दिया गया है। असिस्टेंट प्रोफेसर वेतन के लिए कभी कॉलेज प्रिंसिपल तो कभी दूसरे अकाउंट्स विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें महीनों से सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिल रहे हैं। शिक्षक अस्थायी होने के कारण खुलकर वेतन के लिए शिकायत करने से भी डर रहे हैं।

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हद तो यह है कि चार महीने से वेतन नहीं मिलने की जानकारी उच्च अधिकारियों तक नहीं है। शिक्षकों को वेतन नहीं मिलने की जानकारी जब यूटी प्रशासन में शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों तक पहुंची तो वह भी यह सुनकर हैरान हैं कि चार महीने से वेतन कैसे रुक सकता है।

जानकारी के अनुसार सितंबर 2019 में शहर के तीन कॉलेज सेक्टर-11 पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज, सेक्टर-46 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज और सेक्टर-50 स्थित पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (कामर्स कॉलेज) में टेंपरेरी फैकल्टी (अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर) की नियुक्ति की गई थी। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी इन असिस्टेंट प्रोफेसर को वेतन के लिए कॉलेज प्रबंधन के पास धक्के खाने पड़ रहे हैं।

ड्यूटी बराबर लेकिन वेतन में असमानता

पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा शहर के सरकारी कॉलेजों में फैकल्टी पूरी नहीं होने के कारण कई कोर्स की एफिलिएशन पर रोक लगा दी। साथ ही कई कोर्स में दाखिला भी रोकने के निर्देश जारी कर दिए। यूटी प्रशासन द्वारा पीयू प्रशासन को सितंबर तक फैकल्टी पूरी करने के आश्वासन के बाद कॉलेजों में कई प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला हो पाया। सितंबर 2019 में यूटी प्रशासन द्वारा चंडीगढ़ हायर एजुकेशन सोसायटी गठित कर तीन सरकारी कॉलेजों में 36 असिस्टेंट प्रोफेसर (टेंपरेरी फैकल्टी) की नियुक्त की गई। यह शिक्षक भी यूजीसी नेट और पीएचडी क्लीयर मेरिट के आधार पर नियुक्त किए गए। लेकिन इन शिक्षकों का मासिक वेतन सिर्फ 25 हजार तय किया गया। जबकि इसी योग्यता पर 2009 में नियुक्त कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर को 55 हजार से अधिक मासिक वेतन दिया जा रहा है। वेतन में असमानता को लेकर भी शिक्षकों में रोष हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा भी सितंबर में नियुक्त शिक्षकों को कांट्रेक्ट के बराबर वेतन देने के लिए यूजीसी नियमों का हवाला दिया गया है।

अभी तक एक पैसा नहीं मिला

सरकारी कॉलेज में नियुक्त एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि सितंबर में हमारी नियुक्ति हुई थी लेकिन अभी तक एक महीने का भी वेतन नहीं मिल पाया है। कॉलेज अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते रहे हैं। अस्थायी नियुक्ति के कारण कोई मामले में शिकायत भी नहीं कर पा रहा है।

जल्द मिल जाएगी सैलरी

गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ कामर्स एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन सेक्टर-50 की प्रिंसिपल निशा अग्रवाल का कहना है कि  कॉलेज प्रशासन की तरफ से टेंपरेरी फैकल्टी की सैलरी संबंधी जरूरी कार्रवाई की जा चुकी है। वेतन जारी करने को लेकर फाइल डीएससी स्तर पर भेजी हुई है। उम्मीद है जल्द टीचर्स को सैलरी मिल जाएगी।

इस मामले की मुझे जानकारी नहीं है। चार महीने से कांट्रेक्ट असिस्टेंट प्रोफेसर को सैलरी नहीं मिलने का कारण जरूर कोई टेक्निकल इश्यू होगा। संबंधित अधिकारियों से अपडेट लेकर जल्द सैलरी जारी करवाई जाएगी ।

-अरुण कुमार गुप्ता, होम सेक्रेटरी कम शिक्षा सचिव यूटी 

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