बहिबलकलां फायरिंग: पूर्व SGPC प्रधान मक्कड़ ने भी बादल पर साधा निशाना
एसजीपीसी के पूर्व प्रधान अवतार सिंह मक्कड़ ने भी बहिबलकलां फायरिंग मामले में पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल और उनकी सरकार पर निशाना साधा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के 11 साल तक अध्यक्ष रहे जत्थेदार अवतार सिंह मक्कड़ ने भी बेअदबी मामले में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। अकाली दल के महासचिव व राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार गुरबचन सिंह को आड़ेहाथ लेने के एक दिन बाद बादल के नजदीकी जत्थेदार मक्कड़ का वीडियो सामने आया है। इसमें वह कह रहे हैैं कि सड़क पर उतरे डेरा प्रेमियों पर जब लाठीचार्ज नहीं किया गया तो बहिबलकलां में शांति से बैठे लोगों पर पुलिस द्वारा गोली क्यों चलाई गई?
कहा, जब डेरा प्रेमियों पर लाठीचार्ज नहीं किया तो बहिबलकलां में गोली क्यों चलवाई
उल्लेखनीय है कि बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबलकलां (फरीदकोट) में सिख सड़क पर उतर आए थे। इस दौरान पुलिस द्वारा की गई फायरिंग में दो युवकों की मौत हो गई थी। इसकी जांच के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस रणजीत सिंह आयोग के नेतृत्व में आयोग का गठन किया था।
जत्थेदार मक्कड़ ने कहा है कि आयोग की रिपोर्ट पर विधानसभा में हुई बहस का अकाली दल को बहिष्कार नहीं करना चाहिए था। हम अपनी बात रख सकते थे क्योंकि स्पीकर पर्याप्त समय दे रहे थे। यदि हमें एक घंटा भी बहस के लिए मिल जाता तो यह हमारे विधायकों के लिए यह पर्याप्त था। हमारे पास बोलने वाले सुखबीर सिंह बादल, बिक्रम मजीठिया समेत चार-पांच विधायक ही थे।
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जत्थेदार मक्कड़ का कहना है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं की जांच के लिए अकाली सरकार ने भी जस्टिस जोरा सिंह आयोग का गठन किया था, लेकिन हमारे तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी सर्वेश कौशल ने तो उनकी रिपोर्ट तक रिसीव नहीं की। जोरा सिंह घंटों बाहर बैठकर चले गए। उन्होंने गोली चलाने की घटना के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि हमने इस मामले में कार्रवाई भी नहीं की।
कहा- किसानों ने ट्रेनें रोकी, कोई कार्रवाई नहीं की गई
मक्कड़ ने कहा कि मैंने इस संबंध में बादल साहब (प्रकाश सिंह बादल) से बात की थी। मैैंने कहा था कि किसानों ने सात दिन तक ट्रेनें रोकी, डेरा सच्चा सौदा वालों ने अपनी फिल्म रिलीज करवाने के लिए कितना गदर मचाया, लेकिन कहीं कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया। बहिबलकलां में शांति से बैठे और जाप कर रहे लोगों पर लाठियां व गोलियां चलाने की नौबत क्यों आ गई? पुलिस पर सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए था।
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वरिष्ठ नेता ही पार्टी को कठघरे में खड़ा रहे
अहम बात यह है कि अचानक अकाली दल के वरिष्ठ नेताओं ने अपनी पार्टी के ही नेताओं को कठघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि शिअद महासचिव सुखदेव सिंह ढींडसा ने रविवार को कहा था कि गुरु गोबिंद सिंह जी का वेश धारण करने वाले गुरमीत राम रहीम को माफी देने के मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को खुद इस्तीफा दे देना चाहिए था। अगर वह ऐसा नहीं करते तो एसजीपीसी को उनसे इस्तीफा ले लेना चाहिए। जत्थेदार तोता सिंह भी पार्टी के स्टैैंड पर सवाल उठा चुके हैैं।