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मानहानि मामले में पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल को समन, ये है मामला

मानहानि मामले में चंडीगढ़ अदालत में शिअद प्रधान व पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को समन भेजा है। सुखबीर सिंह बादल ने अखंड कीर्तनी जत्थे और उसके प्रवक्ता को आतंकवादी संगठन का राजनीतिक चेहरा बताया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 11:27 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 11:27 AM (IST)
मानहानि मामले में पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल को समन, ये है मामला
शिअद प्रधान व पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल। फाइल फोटो

चंडीगढ़ [राजन सैनी]। शिरोमणि अकाल दल के प्रधान व पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर चल रहे मानहानि केस में अब जिला अदालत ने उन्हें दोबारा समन जारी किया है। सुखबीर पर यह केस अखंड कीर्तनी जत्थे और उसके प्रवक्ता को आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा का राजनीतिक चेहरा बताने के बारे में दी गई शिकायत पर जिला अदालत में चल रहा है।

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इससे पहले कोर्ट ने इसी वर्ष चार मार्च और 18 मार्च को समन जारी कर सुखबीर बादल को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। उस समय सुखबीर बादल पेश नहीं हो सके। इसके बाद कोरोना महामारी की वजह से सिर्फ जरूरी केसों कीस सुनवाई हुई। अब कोर्ट ने सुुखबीर सिंह बादल के चंडीगढ़ सेक्टर-9 स्थित हाउस नंबर-256 के पते पर समन जारी कर दिया है।

एक कोर्ट से दूसरी कोर्ट में केस ट्रांसफर

बता दें कोरोना महामारी से पहले तक इस केस की सुनवाई जेएमआइ जज गीतांजलि गोयल की कोर्ट में हो रही थी, लेकिन अब 12 अक्टूबर से केस की सुनवाई एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट तेजप्रताप सिंह रंधावा की कोर्ट में हो रही है। अपने आर्डर में जज तेजप्रताप सिंह रंधावा ने लिखा है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर उनकी कोर्ट में यह केस ट्रांसफर किया गया है। कोर्ट ने सुखबीर बादल के साथ मामले में शिकायतकर्ता राजिंद्र सिंह को भी नोटिस जारी किया है।

ये है मामला

शिकायत में मोहाली निवासी राजिंद्रपाल ने बताया कि अखंड कीर्तनी जत्था एक धार्मिक जत्था है और पूरे वर्ल्ड में जत्थे का नाम है। सुखबीर ने उनके और जत्थे के बारे में जो कहा इस वजह से उनका काफी नाम खराब हुआ है। बताया कि उनके एक दोस्त ने बादल के दिए बयानों के बाद उससे बात करनी ही छोड़ दी है। उसने और अखंड कीर्तनी जत्थे ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को रोकने में नाकाम रही पंजाब सरकार की निंदा की थी। इसके साथ ही बादल इस वजह से भी उनसे नफरत करता है, क्योंकि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के विरोध में पंजाब के बहिबल कलां गांव में सिख संगत एकत्र हुई थी, लेकिन शांतिपूर्ण विरोध कर रही संगत पर सुखबीर सिंह बादल और उनके पिता प्रकाश सिंह बादल ने गाेलियां चलवाई थी, जिसकी निंदा कीर्तनी जत्था और राजिंद्रपाल लगातार कर रहे है।

केजरीवाल के ब्रेकफास्ट करने के बाद जत्थे को बोला था आतंकवादी चेहरा

राजिंद्रपाल ने अपने केस में आरोप लगाए हैं कि चार जनवरी, 2017 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उनके घर सुबह के समय उनसे मिलने आए थे। उनके बीच में सामान्य बातचीत हुई। यह बात कईं समाचार पत्रों में छपी। इसके बाद एक समाचार पत्र को साक्षात्कार देते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि केजरीवाल पंजाब से चुनाव लड़ना चाहते हैंं, लेकिन उन्हें पंजाब की प्रकृति, परंपरा और पंथ के बारे में कुछ नहीं पता। भगवान न करे अगर पंजाब में आप पार्टी की सरकार आती है तो आप यहां अराजकता फैला देगी।

आप आंदोलन में विश्वास करती है शासन में नहीं। केजरीवाल पंजाब में आए और उग्र लोगों से मेज-जोल बढ़ा रहे हैंं। सुखबीर ने कहा था कि कुछ दिन पहले केजरीवाल ने पंजाब में अखंड कीर्तनी जत्थे के साथ ब्रेकफास्ट किया। बब्बर खालसा जो वैश्विक स्तर पर एक आतंकवादी संगठन है, अखंड कीर्तनी जत्था उसका राजनीतिक चेहरा है। इसके साथ ही कहा था कि सरबत खालसा जिसे खालिस्तान घोषित कर दिया गया है उसके जत्थेदारों के साथ डिनर किया है। अब राजिंद्र ने शिकायत में बताया कि सुखबीर बादल ने जान-बूूझकर ऐसा किया है। बताया कि इससे उनकी काफी इमेज खराब हुई है। उनका किसी भी बब्बर खालसा संगठन से कोई लेना देना नहीं है।


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