पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की तबीयत खराब, कल SIT के समक्ष पेश नहीं होंगे
पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल को कल 16 जून को कोटकपूरा फायरिंग केस के मामले में एसआइटी के समक्ष पेश होना था लेकिन बादल का कहना है कि उनकी तबीयत खराब है। वह कल पेश नहीं हो पाएंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। अकाली दल के संरक्षक व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल 16 जून को कोटकपूरा गोलीकांड मामले में जांच के लिए बनाई गई नई एसआइटी के समक्ष पेश नहीं होंगे। क्योंकि उनकी सेहत ठीक नहीं है। पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि वह कानून के साथ पूर्ण सहयोग करेंगे और उन्हें न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
उन्होंने एसआइटी से जांच के लिए उनके पेश होने की तारीख दोबारा तय करने के लिए कहा है क्योंकि सेहत खराब होने के कारण डाक्टरों ने उन्हें दस दिन के लिए पूर्ण बेड रेस्ट की सलाह दी है। बादल ने कहा कि जैसे ही उनकी सेहत बेहतर होती है तो वह अपने निवास स्थान (विधायक फ्लैट नंबर 37, सेक्टर-4, चंडीगढ़) पर कानून के अनुसार जांच में शामिल हो जाएंगे।
बादल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नई एसआइटी पिछली एसआइटी के विपरीत, देश के कानून का सम्मान करते हुए निष्पक्ष जांच करेगी और सत्तारूढ़ पार्टी के राजनीतिक हस्तक्षेप के आगे घुटने नहीं टेकेगी। उन्होंने कहा कि सरकार अपने तुच्छ राजनीतिक हितों के लिए कानून को दरकिनार कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान एसआइटी की बहुत जरूरत है, क्योंकि पहले वाली एसआइटी पूरी तरह से तुच्छ राजनीति से प्रेरित थी। राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण जांच प्रक्रिया का मजाक बनाया गया और इसका मकसद राजनीतिक बदलाखोरी था। जिस कारण जांच की निष्पक्षता पर किसी को भरोसा नहीं रहा।
उन्होंने पिछली एसआइटी के राजनीतिकरण की निंदा भी की। बादल ने कुछ रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि पिछली एसआइटी की रिपोर्ट सत्ताधारी पार्टी के आधा दर्जन सदस्यों ने तैयार की थी और इस रिपोर्ट का अभी तक किसी ने खंडन भी नहीं किया है। बता दें कि एसआइटी ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को 16 जून को पूछताछ के लिए समन भेजा था।
गौरतलब है कि फरीदकोट के गांव बुर्ज जवाहर सिंह के गुरुद्वारा साहिब से वर्ष 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप चोरी कर बेअदबी की गई थी। इसके विरोध में कोटकपूरा और बहिबलकलां में रोष प्रदर्शन शुरू हुआ। प्रदर्शनकारियों को उठाने के लिए 14 अक्टूबर को पुलिस की ओर से गोली चला देने के कारण दो लोगों की मौत हो गई थी।