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अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह का दावा, गायब पावन स्वरूपों के सुबूत मेरे पास, कर दूंगा सार्वजनिक

अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) प्रधान और मौजूदा जत्थेदार को पत्र लिखकर दावा किया है कि गायब पावन स्वरूपों के सुबूत उनके पास हैं। वह इनको सार्वजनिक कर सकते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 03 Nov 2020 10:16 AM (IST)Updated: Tue, 03 Nov 2020 10:16 AM (IST)
अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह का दावा, गायब पावन स्वरूपों के सुबूत मेरे पास, कर दूंगा सार्वजनिक
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की सांकेतिक फोटो।

चंडीगढ़ [जय सिंह छिब्बर]। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूपों के लापता होने का मुद्दा फिर से गरमाने के आसार बन गए हैं। अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल व अकाल तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह को पत्र लिख कर सात नवंबर को सिख संगत के आगे पेश होने के लिए कहा है। पूर्व जत्थेदार ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि अगर दोनोंं ने ऐसा नहीं किया तो वे उसी दिन गायब हुए पावन स्वरूपों से संबंधित सभी सुबूत जो कि उनके पास हैं, सार्वजनिक कर देंगे।

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भाई रणजीत सिंह ने दावा किया है कि 328 पावन स्वरूपों के लापता होने के मामले की असली जांच रिपोर्ट को जानबूझ कर सार्वजनिक नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो रिपोर्ट पेश की जा रही है, वह या तो अधूरी है या गलत है। सच्चाई यह है कि जांच रिपोर्ट में जांच अधिकारियों ने हरेक पन्ने पर अपने हस्ताक्षर किए हैं। पूर्व जत्थेदार ने दावा किया कि असली जांच रिपोर्ट की कापी उनके पास है। उन्होंने कहा कि SGPC और अकाल तख्त संगत के प्रति जवाबदेह है, इसलिए दोनों सात नवंबर को संगत के सामने पेश होकर सच्चाई संगत को बताएं।

SGPC के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल की तरफ से गायब पावन स्वरूपों की भेंटा (रुपये) कमेटी के रिकार्ड में जमा नहीं करवाने के दावे को खारिज करते हुए पूर्व जत्थेदार ने कहा कि भेंटा (रुपये) का घपला साल 2013 से 2015 तक का है। सिख संगत 2015 के बाद लापता हुए स्वरूपों की सच्चाई को जानना चाहती है। उन्होंने कहा कि सिख संगत को यह जानने का हक है कि यह पावन स्वरूप किन असरदार लोगों के कहने पर किन संस्थाओं, व्यक्तियों व डेरों को दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास यह लिस्ट भी मौजूद है जिसमें पावन स्वरूप किसे-किसे दिया गया और वह कहां पर है, की जानकारी व इसकी फोटो तक उनके पास है।

पूर्व जत्थेदार ने शिरोमणि कमेटी द्वारा दरबार साहिब में किसी भी तरह का विरोध व प्रदर्शन करने पर रोक संबंधी प्रस्ताव पास करने की भी निंदा की। उन्होंने दोष लगाया कि दोषियों का नाम सार्वजनिक करने के बजाय शिरोमणि कमेटी ने इंसाफ मांगने वाले लोगों को पुलिस की शह पर पीटा। भाई रणजीत सिंह ने पत्र में जत्थेदार हरप्रीत सिंह और गोबिंद सिंह लोंगोवाल को सात नवंबर को सुबह 11 बजे श्री हरमंदिर साहिब के सामने घंटा घर में सिख संगत को बेअदबियों के बारे में भी विचार रखने को कहा है।


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