पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी मामले में नामजद पूर्व इंस्पेक्टर अनोख सिंह गिरफ्तार
रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर अनोख सिंह व रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर जगीर सिंह रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह पिंकी को घर जाकर उन्हें धमकाने का आरोप है।
मोहाली, जेएनएन। खरड़ सदर पुलिस ने पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी मामले में चंडीगढ़ के रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर अनोख सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि अनोख सिंह ने डीजीपी सुमेध सिंह सैनी मामले के गवाह को धमकाया था। अनोख सिंह को खरड़ सदर पुलिस ने मंगलवार सुबह खरड़ अदालत में पेश किया, जहां से आरोपित को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर अनोख सिंह व रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर जगीर सिंह पर आरोप है कि वह डीजीपी सुमेध सिंह सैनी मामले में शिकायतकर्ता रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह पिंकी के घर जाकर उन्हें धमकाकर आए थे। इस मामले की शिकायत पिंकी ने खरड़ सदर पुलिस स्टेशन में की थी।
खरड़ सदर पुलिस थाने के एसएचओ सुखबीर सिंह ने बताया कि दोनों रिटायर्ड पुलिस ऑफिसरों के खिलाफ धारा-195ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि आइएएस ऑफिसर के लड़के बलवंत सिंह मुल्तानी को अगवा करने के मामले में नामजद पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के बाद उनके चार साथी इंस्पेक्टर हरसहाय शर्मा, जगीर सिंह, अनोख सिंह व कुलदीप सिंह ने अपने वकील एडवोकेट एचएस धनोआ व जीएस धालीवाल के माध्यम से अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। 19 मई को एडीशनल जिला सेशन जज मोनिका गोयल की अदालत ने राहत देते हुए चारों की अग्रिम जमानत की याचिका को मंजूर कर लिया गया था।
अदालत ने निर्देशों अनुसार चारों पुलिस ऑफिसरों ने एक हफ्ते के अंदर पुलिस जांच शामिल की थी। आरोपितों के पासपोर्ट अभी जमा उक्त आरोपितों के पासपोर्ट जमा कर लिए गए थे। इसके अलावा उन्होंने 50-50 हजार के निजी बांड व 1-1 जमानती मुचलका भी भरा था। उस समय आरोपितों ने अदालत में अपने वकील के माध्यम से बताया था कि इस मामले में बतौर गवाह मकान मालिक सुखविंदर कौर आज से पहले कभी भी सामने नहीं आई। बलवंत सिंह मुल्तानी को कादियां थाने की पुलिस के हवाले कर दिया गया था, जहां से मुल्तानी फरार हो गया और कादियां थाने के उस समय के मुख्य मुंशी हरजीत सिंह व सिपाही अनूप सिंह के खिलाफ कादियां थाने में पुलिस द्वारा की गई लापरवाही की धाराओं के तहत मामला दर्ज हो गया था।
आर्टिकल को आधार बनाकर दर्ज हुआ था केस
वहीं, पिंकी के पब्लिश हुए एक आर्टिकल को आधार बनाकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। जबकि पिंकी के बयान दर्ज तक नहीं हुए थे। उन्होंने अदालत को बताया था कि चारों पुलिस मुलाजिम रिटायर हैं और सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले में एफआइआर खारिज करने उपरांत चारों ऑफिसरों को मामले के साथ कोई लेनदेन नहीं है। जिसके बाद उनकी जमानत याचिका मंजूर की गई थी।