आज बापूधाम का दौरा करेंगे पूर्व भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन Chandigarh News
टंडन ने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह पार्टी के जिला और मंडल अध्यक्षों के निरंतर संपर्क होने के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों से भी वार्ता कर रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। शहर में कोरोना का विस्फोट कहे जाने वाले क्षेत्र बापूधाम के ग्रस्त न हुए एरिया में रहने वाले लोगों ने मांग की है कि उन्हें कंटेंमेंट क्षेत्र के दायरे से हटाया जाए। इस दिशा में स्थानीय लोगों ने पूर्व भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन को फोन कर राहत प्रदान करने का आह्वान किया है, जिस पर संज्ञान लेते हुए टंडन बुधवार को बापूधाम का दौरा करेंगे। टंडन ने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह पार्टी के जिला और मंडल अध्यक्षों के निरंतर संपर्क होने के साथ-साथ प्रशासनिक अधिकारियों से भी वार्ता कर रहे हैं, जिससे की उन्हें जल्द राहत प्रदान मिल सके। टंडन ने बताया कि उनके दौरे में एक होम्योपैथिक डाक्टर भी साथ होंगें जो कि बीमारी से लड़ने में दवायें वितरित करेंगे।
प्रशासन का राहत से इनकार
बापूधाम के किसी भी एरिया में अभी कोई राहत नहीं मिलेगी। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के अनुसार ही कोई राहत दी जा सकती है और वह तब मिलेगी जब अंतिम पॉजिटिव के बाद 21 दिन गुजर जाएंगे। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने मंगलवार को वॉर रूम मीटिंग में यह स्पष्ट कर दिया। बदनौर ने बताया कि कंटेनमेंट और बफर जोन में राहत दिए जाने के लिए निरंतर मांग हो रही थी। काउंसलर दविंद्र बबला और बापूधाम काउंसलर दलीप शर्मा भी इसको लेकर मांग उठाते रहे हैं। दलीप शर्मा तो एडवाइजर मनोज परिदा सहित अन्य अधिकारियों से भी मिले थे। बापूधाम और सेक्टर-30बी में सबसे ज्यादा मांग हो रही थी। लेकिन प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि राहत चाहिए तो संक्रमण पर पूरी तरह से ब्रेक लगानी होगी।
प्रशासक ने कहा कि लोकल रेजिडेंट्स को इन एरिया में जो दिक्कत हो रही है वह उससे वाकिफ हैं। मेडिकल एक्सपर्ट की सलाह अनुसार इंफेक्शन को रोकने के लिए यह सख्ती जरूरी है। हालांकि कंटेनमेंट और बफर जोन की बाउंड्री तय की जाएंगी। इस एडवाइजर मनोज परिदा ने कहा कि बापूधाम सहित अन्य कंटेनमेंट जोन के अलग-अलग एरिया से लिए गए सैंपल के टेस्ट रिजल्ट का विश्लेषण किया जा रहा है। गवर्नमेंट ऑफ इंडिया से जो डायरेक्शन मिली हैं, उसके अनुसार कंटेनमेंट और बफर जोन की बाउंड्री को रिव्यू किया जाएगा। प्रशासन ने दोनों की बाउंड्री तय कर राहत देने का खाका तैयार किया था।