एमएचए के आदेशों के बाद स्नैचिग केस में लगाई पुरानी धाराओं पर मानी चूक, जोड़ी नई धारा
एमएचए द्वारा स्नैचिग केस में यूटी प्रशासन को तत्काल संशोधित धारा 379ए और 379बी के आदेशों पर यूटी पुलिस ने अपनी धाराएं लगाने की लापरवाही उजागर होने के बाद नई धाराएं जोड़ने का दावा।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़ : एमएचए द्वारा स्नैचिग केस में यूटी प्रशासन को तत्काल संशोधित धारा 379ए और 379बी लगाने के आदेशों पर यूटी पुलिस ने अपनी पुरानी धाराएं लगाने की लापरवाही उजागर होने के बाद क्लेरिकल मिस्टेक बताकर संशोधित नई धाराएं जोड़ने का दावा किया है। 18 दिसंबर को प्रशासन को नोटिफिकेशन मिलने के बाद यूटी पुलिस विभाग ने 26 दिन बाद नई धारा के तहत पहला केस सेक्टर-34 थाने में दर्ज किया था। जिसपर पुलिस विभाग ने तर्क दिया कि कानूनी प्रक्रिया के तहत यह नोटिफिकेशन 13 जनवरी को मिलने पर तत्काल लागू किया गया था। इसके बावजूद 23 जनवरी को दैनिक जागरण ने पुलिस के द्वारा स्नैचिग में पुरानी धाराएं लगाने की लापरवाही का खुलासा किया था। 13 जनवरी के बाद दर्ज तीन केसों ने खोली पोल
- 13 जनवरी की रात करीब 9.20 बजे मोहाली 3बी2 स्थित सलून से ड्यूटी खतम कर डड्डूमाजरा में घर जाते युवती पायल से 6500 रुपये और मोबाइल की स्नैचिग पर मलोया थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइपीसी 379 और 356 के तहत केस दर्ज किया था। - 16 जनवरी को ई-रिक्शा पर मनीमाजरा स्थित घर जा रही महिला पूजा से हाउसिग बोर्ड लाइट प्वाइंट पर एक युवक मोबाइल छीनकर भागते पब्लिक ने दबोच लिया। मनीमाजरा थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ आइपीसी 379 और 356 के तहत केस दर्ज किया था। - 18 जनवरी की शाम एसडी कॉलेज की छात्रा डेचिन से बाइक सवार आइटीबीपी क्वार्टर के समीप पर्स सहित चार हजार नगदी, मोबाइल और दस्तावेज छीनकर भाग गए थे। सेक्टर-34 थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ संशोधित नई धारा 379 ए के तहत पहला केस दर्ज किया था। क्या हैं संशोधित धाराएं -
- स्नैचिग केसों की सुनवाई भी अब सेशन कोर्ट में की जाएगी।
- धारा 379 ए-इसके तहत दोष साबित होने पर पांच वर्ष की कैद हो सकती है। इस धारा के तहत केस तभी दर्ज होगा जब आरोपी छीन कर सामान, नकदी, ज्वैलरी इत्यादि लेकर जाएगा। सजा के साथ 25 हजार रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है। - धारा 379 बी-इसके तहत दस वर्ष की सजा का प्रावधान है। अगर आरोपित किसी को चोट मारकर छीनाझपटी करेगा, उसके खिलाफ इस धारा के तहत केस दर्ज होगा। सजा के साथ 25 हजार रुपये जुर्माने का भी प्रावधान है। - जबकि एमएचए के निर्देशों से पहले स्नैचरों पर धारा 356 और 379 लगती थी। जिसके तहत दोषी को अधिक से अधिक तीन साल की सजा का ही प्रावधान है। इसमे आरोपित को कोर्ट से जल्द जमानत मिल जाती थी। स्नैचिग मामलों में धारा 379ए और 379बी लगाने का नोटिफिकेशन 13 जनवरी को डीजीपी ऑफिस में मिली थी। जिसके बाद क्लेरिकल मिस्टेक से केस पुरानी धारा आइपीसी 379 और 356 की जगह नई संशोधित धाराएं जोड़ दी गई है।
-चरणजीत सिंह विर्क, डीएसपी एंड पीआरओ, यूटी पुलिस।