Punjab Assembly में बिखर गया कांग्रेस का फ्लोर मैनेजमेंट, गुस्से में उठ खड़े हुए मंत्री व विधायक
Punjab Assembly के विशेष सत्र में सदन में कांग्रेस का प्रबंधन विफल हो गया। हालात यह हो गए कि विपक्ष हावी दिखा।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। संविधान दिवस पर पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में 'सेल्फ गोल' से बचने के लिए तैयार किया गया कांग्रेस का फ्लोर मैनेजमेंट अंतिम समय में बिखर कर रह गया। इस दौरान विपक्ष हावी नजर आया। सदन में कांग्रेस और विपक्ष के बीच खूब भिड़ंत हुई।
शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर व्यंग्यात्मक बाण चला रहे थे। इस बात पर मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा स्पीकर पर बिफर पड़े और कुर्सी छोड़ कर उठ खड़े हुए। उनके साथ विधायक कुलबीर जीरा, बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा व अन्य विधायक भी उठ खड़े हुए। इस शोर-शराबे में मजीठिया को अपना भाषण अधूरा ही छोडऩा पड़ा। बाद में मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने अपने संतुलित भाषण में विपक्ष पर तीखे हमले किए।
मजीठिया ने अधूरा छोड़ा भाषण, चन्नी को बोलने नहीं दिया तो जीरा हुए आक्रामक, स्पीकर ने पिलाई डांट
सत्र में कोई विघ्न न पड़े, इसलिए स्पीकर ने अलग-अलग पार्टियों के साथ बैठक भी की। सत्र में नाटकीय मोड़ तब आया, जब कैबिनेट मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रकाश सिंह बादल की ओर से संविधान की कॉपी फाडऩे का मुद्दा उठा दिया। चन्नी जब यह कह रहे थे तो मजीठिया पार्टी दफ्तर में थे। बादल का मामला आते ही मजीठिया सदन में पहुंच गए और उन्होंने स्पीकर से कहा कि यह संविधान दिवस पर बहस नहीं है। इसके बाद चन्नी नरम पड़ गए।
मजीठिया ने अपने भाषण में डेरा बाबा नानक में प्रकाश पर्व के मौके पर चन्नी के भंगड़े का जिक्र किया। इस पर चन्नी भड़क उठे। मजीठिया का माइक ऑन था, जबकि चन्नी माइक बंद होने के कारण ऊंची आवाज में बोल रहे थे। इस बीच विधायक कुलबीर जीरा तेज शब्दों में बोलने लगे, जिस पर स्पीकर राणा केपी सिंह ने उन्हें डांट भी लगाई। मामला इतना गर्म हो गया कि सुखजिंदर सिंह रंधावा बायकॉट की मुद्रा में उठ खड़े हुए।
जीरा, पाहड़ा व अन्य विधायक भी उनके समर्थन में आ गए। चन्नी लगातार यह बात कह रहे थे कि क्या यह संविधान की बात है। कांग्रेस विधायक शोर मचाने लगे। इस बीच मजीठिया भाषण अधूरा छोड़ सदन से निकल गए। इसके बाद रंधावा व अन्य विधायक अपनी-अपनी सीट पर बैठ गए।
जीरा ने जताई नाराजगी
सदन के बाहर विधायक कुलबीर सिंह जीरा ने कहा कि जब मंत्री ने संविधान की प्रति फाडऩे की बात कही और मजीठिया ने विरोध किया तो स्पीकर ने मंत्री को संविधान पर ही बोलने के लिए कहा। जब मजीठिया भंगड़े की बात कर रहे थे, तब स्पीकर ने कुछ नहीं कहा। मजीठिया को अंत में बोलने का मौका दिया गया और वह अपनी बात कह कर निकल गए। यह कहीं से उचित नहीं है।
अपनी ही सरकार पर बिफरे वेरका, कहा- हम कटोरा लेकर मांगने के आदी नहीं
संविधान दिवस पर कांग्र्रेस के विधायक राजकुमार वेरका ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल को खरी-खरी सुनाई। वेरका ने कहा, 'आज मैं पार्टी लाइन से ऊपर उठ कर बात करूंगा। एससी सब प्लान के तहत 27 फीसद बजट रखा जाता है, लेकिन आज तक ऐसा नहीं हुआ कि नौ फीसद से अधिक फंड खर्च हुआ हो। हम करोटा लेकर मांगने के आदी नहीं हैं। अगर एससी सब प्लान के तहत 27 फीसद फंड एलोकेट किया जाता है, तो उसे दिया भी जाना चाहिए। अगर एससी सब प्लान के तहत चार फीसद फंड आरक्षित रख दिया जाए तो स्कॉलरशिप के लिए हमें किसी के आगे हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।' उन्होंने कहा कि डॉ. आंबेडकर की कौम को केवल वोट बैंक की तरह नहीं देखना चाहिए।
नाम नहीं बता सकते तो इस्तीफा देकर जाएं मंत्री: मजीठिया
वेरका के इस बयान का बिक्रम सिंह मजीठिया ने स्वागत किया। उन्होंने एससी-बीसी कल्याण मंत्री साधू सिंह धर्मसोत से कहा कि डॉ. आंबेडकर के जन्म दिवस पर जालंधर में उन्होंने कहा था कि वह 85वां संशोधन लागू करना चाहते हैं, लेकिन उनके साथ के मंत्री ऐसा नहीं करने दे रहे। उन्हें सदन में बताना चाहिए कि कौन लोग उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं। मजीठिया ने कहा, 'मंत्री जी आप उनका नाम लो, नहीं तो आज ही इस्तीफा दे दो। आखिर कौन लोग हैं जो संशोधन लागू करने से रोक रहे हैं। हालांकि, मंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।