चंडीगढ़ में पांच हजार स्टूडेंट्स ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़ सरकारी लिया में दाखिला
चंडीगढ़ में सरकारी स्कूलों में 17500 सीटें खाली हो गई थी। इस बीच 4985 स्टूडेंट्स ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़ सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया। जिससे शिक्षा विभाग ने राहत की सांस ली। प्राइवेट में फीस भरने में परेशानी आने पर इन छात्रों ने सरकारी स्कूलों का रुख किया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। नर्सरी से आठवीं तक पहली बार 4985 स्टूडेंट्स ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़ सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। यह एडमिशन स्टूडेंट्स ने उस समय लिया है, जब शहर के सरकारी स्कूलों में 17500 सीटें खाली हो गई और उन्हें भरना विभाग के लिए चुनौती बन चुका था। इसलिए विभाग ने आरटीई के तहत सीटों को भरने का निर्णय लिया और ऑनलाइन आवेदन मांगे। सरकारी स्कूलों में करीब 12500 स्टूडेंट्स ने एडमिशन के लिए अप्लाई किया था, जिसमें से 9233 स्टूडेंट्स ने एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की और अब पढ़ाई शुरू कर दी है।
प्राइवेट स्कूलों ने फीस नहीं मिलने पर अपनाया था कड़ा रुख
मार्च 2020 में जब कोरोना महामारी की शुरूआत हुई तो आर्थिक परेशानी के चलते प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के अभिभावकों को फीस भरने में परेशानी हुई। फीस न मिलने पर प्राइवेट स्कूलों ने ऐसे स्टूडेंट्स की ऑनलाइन क्लास से भी छुट्टी कर दी थी। ऐसे में जैसे ही सरकारी स्कूलों में सीटों को भरने के लिए नोटिफिकेशन जारी हुई अभिभावकों ने एडमीशन के लिए सरकारी स्कूलों का रूख किया।
कोरोना संकट ने लोगों की आर्थिक स्थिति को बहुत ज्यादा प्रभावित किया है। इसी वजह से तमाम लोगों के बच्चों को प्राइवेट स्कूल छोडऩा पड़ा है। जिन बच्चों ने सरकारी स्कूल में प्रवेश लिया है वह हालात ठीक होने पर वापस निजी स्कूलों में आ सकते हैं।
- एचएस मामिक, प्रेसिडेंट प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन।
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