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पांच किलोवॉट का सौर ऊर्जा प्लांट उठा सकता है पूरे घर का एनर्जी खर्च

पांच किलोवाट का सौर ऊर्जा प्‍लांट से आप घर की बिजली की सारी जरूरत पूरी हो जाएगर। इस तरह के सोलर प्लांट पर एक बार किया गया खर्च सालों तक बिजली के बिल से छुटकारा दिला सकता है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 19 May 2018 11:35 AM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 08:47 PM (IST)
पांच किलोवॉट का सौर ऊर्जा प्लांट उठा सकता है पूरे घर का एनर्जी खर्च
पांच किलोवॉट का सौर ऊर्जा प्लांट उठा सकता है पूरे घर का एनर्जी खर्च

जेएनएन, चंडीगढ़। सोलर प्लांट पर एक बार किया गया खर्च सालों तक बिजली के बिल से छुटकारा दिला सकता है। एक कनाल के घर पर पांच किलोवॉट का सोलर रूफटॉप पावर प्लांट लगाकर रोजाना बिजली की 20 यूनिट बिजली उत्पन्न की जा सकती है। उससे 10 पंखों, तीन लैपटॉप, तीन टीवी, एक एयर कंडीशनर, एक रेफ्रिजेरेटर, 10 सीएफएल, 10 एलईडी बल्बों, एक माइक्रोवेव ओवन और 1-एचपी वॉटर पंप तक को चलाया जा सकता है।

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चल सकते हैं 10 पंखे, 3 लैपटॉप, एसी, फ्रिज, 10 सीएफल, लाइट, 10 एलईडी बल्ब और वॉटर पंप

हरटेक सोलर ग्रुप के संस्थापक-निदेशक सिमरप्रीत सिंह ने ने 5-10 किलोवॉट की रूफटॉप सिस्टम प्लग-एंड-प्ले किट की जानकारी दी। सिमरप्रीत ने कहा कि यह ऐसी किट हैं जिनसे सोलर प्लांट को कुछ दिनों की बजाय कुछ घंटों में ही इंस्टाल कर चालू किया जा सकता है। इनसे उत्पन्न हुई बिजली से तीन-चार साल में ही लागत खर्च पूरा किया जा सकता है।

उन्‍होंने बताया कि रूफटॉप प्लांट्स की कार्य अवधि भी करीब 25 साल तक की होती है। सिमरप्रीत ने कहा कि एक किलोवॉट के रूफटॉप सोलर प्लांट पर  60 से 65 हजार रुपये का खर्च आता है। चंडीगढ़ प्रशासन से मिलने वाली 30 प्रतिशत सब्सिडी के बिना यह रेट है। इस साल 100 किट इंस्टाल करने का लक्ष्य उन्होंने निर्धारित किया है।

इसके लिए हाउसिंग सोसायटी, 1 कनाल से ऊपर के घर, इंडस्ट्रियल यूनिट्स पर फोकस किया जाएगा। हरटेक ने बताया कि 100 स्क्वेयर फीट के घर पर एक किलोवॉट का प्लांट लग सकता है। उससे रोजाना चार यूनिट बिजली पैदा होगी। खराब मौसम में भी सोलर प्लांट उतना ही काम करते हैं। इन्हें सिर्फ रोशनी की जरूरत होती है न की धूप की। उनकी किट की डिजिटल स्क्रीन पर कितनी बिजली पैदा हो रही है, कितनी खर्च हो रही, इस एनर्जी को पैदा करने में कितना प्रदूषण होने और पेड़ कटने से बचे यह सब डिस्प्ले होता है।

दबाव बनाने की बजाय किया जाए जागरूक

आरटीआई एक्टिविस्ट आरके गर्ग ने कहा कि दो साल पहले प्रशासन ने बिल्डिंग बॉयलाज का बदलाव कर जो नोटिफिकेशन जारी की है उसमें केवल नए घरों और तोड़कर बनाए जाने वाले घरों पर सोलर अनिवार्य किया गया है। पुराने घरों का इसमें जिक्र नहीं है। बावजूद इसके लिए सभी पर सोलर प्लांट लगाने का दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली में भी इस तरह के नियम नहीं हैं। यूटी प्रशासन को इन नियमों को स्टडी करना चाहिए। साथ ही छह महीने का समय देकर लोगों के साथ मीटिंग कर उन्हें जागरूक करना चाहिए।


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