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जीरकपुर में STP के लिए पांच करोड़ की राशि जारी, लेकिन छह माह बाद भी नहीं शुरु हुआ काम

पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड द्वारा गाजीपुर में यह सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाना है। इस प्रोजेक्ट को पास हुए करीब छह माह से ज्यादा का समय हो चुका है। इस प्लांट के लगने से जीरकपुर में हो रहे सीवरेज ओवरफ्लो से राहत मिल जाएगी।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 10:56 AM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 10:56 AM (IST)
जीरकपुर में STP के लिए पांच करोड़ की राशि जारी, लेकिन छह माह बाद भी नहीं शुरु हुआ काम
जहां पर एसटीपी बनना है, उसके नजदीक ही सुखना नाला है। (प्रतीतात्मक फोटो)

मोहाली, जेएनएन। जीरकपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने के लिए नगर परिषद की ओर से पांच करोड़ रूपये की राशि जारी की जा चुकी है। लेकिन इस के बाजवूद भी प्लांट लगाने का काम शुरू नहीं हो सका है। ध्यान रहे कि पंजाब वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड की ओर से गाजीपुर में ये प्लांट लगाया जाना है। इस प्रोजेक्ट को पास किए करीब छह माह से ज्यादा का समय हो चुका है। लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। बोर्ड की ओर से जो एसटीपी लगाया जाना है कि उसकी क्षमता सिंगपुरा में बने एसटीपी के बराबर होनी है। इसमें 17 मिलियन लीटर सीवरेज रोजाना डिस्चार्ज किया जा सकेगा। जिससे बलटाना, ढकौली और पीरमुछल्ला की आबादी को कवर करेगा। जहां पर एसटीपी बनना है, उसके नजदीक ही सुखना नाला है।

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जीरकपुर में बनने वाले इस एसटीपी के लिए 27 करोड़ की राशि मंजूर की जा चुकी है। डेराबस्सी से विधायक एनके शर्मा का कहना है कि एसटीपी को लगाने के लिए बोर्ड के अधिकारियों से पूछा जा चुका है। लेकिन अभी तक कोई संतोष जनक जवाब नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अगर एसटीपी लग जाता तो इससे जीरकपुर में हो रहे सीवरेज ओवरफ्लो को काफी हद तक राहत मिल जाएगी। लोगों को होने वाली समस्याओं से भी राहत मिलेगी।

उक्त एसटीपी परिषद की तीन एकड़ जमीन पर बनना है। दो साल से सिंगपुरा का एसटीपी ओवरफ्लो हो रहा था। इस कारण बिना ट्रीट किए ही सीवर नालों में डालना पड़ रहा है। इससे जीरकपुर प्रदूषित शहरों में से एक बन गया है। जीरकपुर शहर के लिए सिंगपुरा स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जब बना था उस समय उसमें 7 मिलियन लीटर सीवरेज रोजाना डिस्चार्ज होता था। 10 अक्टूबर 2013 को शुरू हुए एसटीपी की क्षमता 17 एमएलडी है। इस समय इस एसटीपी में रोजाना करीब 17 एमएलडी सीवरेज डिस्चार्ज किया जाता है। यह ओवरफ्लो हो चुका है। बरसात के दिनों में इसमें 25 एमएलडी तक सीवरेज पहुंचता है। तब यह ओवरफ्लो से भी आगे पहुंच जाता है। एसटीपी में काम करने वालों को उस समय कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।


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