नगर निगम के पास नहीं है कैश, खाली जमीन पर लोगों की ऐश
एमसी की खाली पड़ी जमीनों से होटल और व्यापारी लाखों कमा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम जबरदस्त वित्तीय संकट को झेल रहा है। पैसों की इतनी किल्लत है कि विकास कार्य रुक गए हैं, काम कर चुके ठेकेदारों के पैसे नहीं मिल रहे हैं। वहीं एमसी की खाली पड़ी जमीनों से होटल और व्यापारी लाखों कमा रहे हैं। कई होटल अपने साथ लगती खाली जमीन का शादी-पार्टियों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। एक फंक्शन का 50 हजार से अधिक लिया जा रहा है। शहर में ऐसे 20 से अधिक होटल हैं। महीने में करोड़ों रुपये जुटाए जा रहे हैं। काउंसलर सतीश कैंथ ने यह मुद्दा मेयर देवेश मोदगिल के सामने उठाया है। कैंथ ने दावा किया कि उसके पास ऐसे होटलों की लिस्ट है जो एमसी की जमीन का कौड़ियों के बाव इस्तेमाल कर खुद लाखों कमा रहे हैं लेकिन एमसी को महज 5 हजार रुपये तक ही मिलते हैं। इस जमीन का एमसी महज ढाई रुपये स्क्वेयर फीट रेंट लेता है जो 5 हजार रुपये तक ही बनता है। इसे रिवाइज्ड करने की जरूरत है। इतना ही नहीं कैंथ ने भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया है। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे होटल हैं जिनसे एक रुपया ाी नहीं लिया जाता। काउंसलर कैंथ ने कहा कि एक्जीक्यूशन का काम ठीक हो तो करोड़ों रुपये बचाए जा सकते हैं।
यह भी दिया सुझाव
सतीश कैंथ ने एमसी हाउस मीटिंग में 100 करोड़ रुपये जुटाने का आइडिया दिया था। उन्होंने बताया कि एमसी के ट्यूबवेल पर एटीएम के लिए जगह दी जा सकती है। जिससे एमसी को लाखों रुपये का रेवेन्यू मिल जाएगा। इसी तरह के कई आइडिया पर काम हो तो एमसी को किसी के आगे हाथ न पसारना पड़े।
वित्तीय संकट पर होगी हाउस मीटिंग
वित्तीय संकट से उबरने के लिए क्या कदम उठाए जाएं इस पर एमसी हाउस की विशेष मीटिंग बुलाई गई है। अगले सप्ताह में यह मीटिंग होगी। मेयर देवेश मोदगिल ने कहा कि इस मीटिंग में सभी हाउस मेंबर वित्तीय संकट से निपटने के सुझाव लेकर आएंगे जो भी बेहतर सुझाव आएंगे उन पर अमल किया जाएगा।