डीसी के पूर्व पीए राकेश मोहन, हरिमोहन व नीलम को कोर्ट से अंतरिम राहत
किस्तें जमा न होने के कारण एस्टेट ऑफिस ने कोठी की अलॉटमेंट को रद करने के ऑर्डर जारी कर दिए थे।
चंडीगढ़ : एस्टेट ऑफिस से प्रॉपर्टी की फाइल गुम होने के मामले में आरोपित डीसी के पूर्व पीए राकेश मोहन, एस्टेट आफिस में कार्यरत हरि मोहन और नीलम गुप्ता को कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान अंतरिम राहत दे दी। 23 जुलाई तक कोर्ट ने तीनों आरोपितों को अंतरिम राहत दी। साथ ही इस मामले में नोटिस निकाल रिप्लाई फाइल करने के लिए कहा है। इस मामले में सेक्टर-17 पुलिस थाना ने उन तीनों पर आइपीसी की धारा-409 के तहत केस दर्ज किया था। सेक्टर-33 बी प्लाट नंबर-560 से संबंधित प्रॉपर्टी की फाइल गायब होने के मामले में करीब 16 साल बाद यह केस एस्टेट आफिस के सेक्शन आफिसर नरेश कुमार की शिकायत पर दर्ज किय गया था। ये कोठी मंजीत कौर नाम की महिला को अलॉट की गई थी। मंजीत ने इस कोठी के एवज में 10 फीसदी किस्त भी जमा करा दी थी। बाद की किस्तें जमा न होने के कारण एस्टेट ऑफिस ने कोठी की अलॉटमेंट को रद करने के ऑर्डर जारी कर दिए थे।
वर्ष 2008 में दोबारा से प्लाट की अलॉटमेंट के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की गई। यह मामला हाईकोर्ट तक भी गया। हाईकोर्ट ने यूटी प्रशासन के दोबारा कोठी के अलॉटमेंट को लेकर नीलामी प्रक्रिया पर स्टे लगा दी थी और यूटी प्रशासन को जवाब दाखिल करने के लिए कहा। जब इस मामले से जुड़ी फाइल जब हाईकोर्ट में पेश करने की बारी आई तो एस्टेट आफिस से यह फाइल गायब की जा चुकी थी। मामले में फिलहाल 23 जुलाई तक तीनों को अंतरिम राहत दी गई है।