फीस रेगुलेटरी कमेटी तो बनाई, लेकिन अधिकारियों को मालूम नहीं खुद की जिम्मेदारी
विभाग के इस रवैये के कारण शहर के प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग को ठेंगा दिखा चुके हैं। विभाग ने 60 प्राइवेट स्कूलों को बैलेंस शीट देने के निर्देश जारी किए थे।
चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। प्राइवेट स्कूलों पर कंट्रोल करने के लिए शिक्षा विभाग ने फीस रेगुलेटरी कमेटी का गठन तो कर दिया, लेकिन किस अधिकारी की क्या जिम्मेदारी है यह उन्हें ही मालूम नहीं है। प्राइवेट स्कूलों की फीस का विरोध कर रहे अभिभावकों से शिक्षा विभाग ने स्वयं सत्यापित एफिडेविड मांगे थे, जिसमें पेरेंट्स को खुद की और बच्चे की जानकारी देनी थी। यह जानकारी देने के लिए विभाग ने दो जुलाई तक का समय दिया था। दो जुलाई का समय पूरा होने के बाद जब दैनिक जागरण संवाददाता ने संबंधित विभाग से एफिडेविड का डाटा मांगा गया, तो किसी को यही पता नहीं था कि एफिडेविड आएंगे किसके पास।
फीस रेगुलरी कमेटी की सदस्य अनुजीत कौर ने कहा कि एफिडेविड जमा कराने के लिए डीईओ और डीएसई की मेल आइडी जारी हुई थी। मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। वहीं जब डीईओ हरबीर आनंद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास कोई एफिडेविड जमा नहीं है। अंत में जब रेगुलेटरी कमेटी बनाने वाले डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन रूबिंदरजीत सिंह बराड़ से बात की तो उन्होंने कहा कि इस संबंधी उनके पास भी कोई जानकारी नहीं है। इसकी डिटेल डीईओ ऑफिस से मिलेगी।
प्राइवेट स्कूल भी दिखा चुके हैं ठेंगा
विभाग के इस रवैये के कारण शहर के प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग को ठेंगा दिखा चुके हैं। विभाग ने 60 प्राइवेट स्कूलों को बैलेंस शीट देने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन 12 के करीब स्कूलों ने बैलेंस शीट देने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि उनका केस कोर्ट में है।
अभिभावक भी परेशान किससे करें शिकायत
शिक्षा विभाग के इस रवैये को देखकर प्राइवेट स्कूलों के पेरेंट्स भी परेशान हैं। अभिभावकों को समझ नहीं आ रहा कि परेशानी का हल होगा कहां से। किससे शिकायत करनी है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर कार्रवाई करेगा कौन।