चंडीगढ़ में पानी के रेट बढ़ाने के खिलाफ विरोध तेज, फासवेक सोमवार को करेगी प्रदर्शन
फासवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू ने कहा कि नगर निगम का काम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है जबकि वह प्रॉफिट के लिए एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि तीन गुना पानी के रेट बढ़ाने से हर शहरवासी परेशान है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पानी के बढ़े हुए रेट्स के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए फासवेक ने सोमवार को नगर निगम के खिलाफ सेक्टर-17 में प्रदर्शन करने की घोषणा की है। फासवेक के चेयरमैन बलजिंदर सिंह बिट्टू और विभिन्न आरडब्लयूए के प्रतिनिधियों ने सेक्टर-43 में प्रेसवार्ता कर 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट पर भी सवाल खड़े किए। बिट्टू ने कहा कि नगर निगम का काम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना है जबकि वह प्रॉफिट के लिए एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम कर रहा है। जब नगर निगम हर काम आउटसोर्स करवा रहा है फिर जो इंजीनियर्स की इतनी लंबी चौड़ी फौज रखी गई है, उसकी क्या जरूरत है।
प्रेसवार्ता में इंटक, सीटू, सीटीयू सहित अलग-अलग कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इस मौके पर बिट्टू ने कहा कि हर साल छह हजार करोड़ रुपये का टैक्स चंडीगढ़ से केंद्र सरकार को जाता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम भी जमकर फिजलूखर्ची कर रहा है। दक्षिणी सेक्टर में सफाई करने के लिए नगर निगम की ओर से हर महीने सवा चार करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा है जबकि यह काम फासवेक को दे दिया जाए तो वह आधे पैसे में करने को तैयार है।
फासवेक के महासचिव जेएस गोगिया ने कहा कि इस समय हर शहरवासी की 60 फीसद से ज्यादा राशि टैक्स में जा रही है। वर्तमान में 25 फीसद से ज्यादा पानी लीकेज में बर्बाद हो रहा है, उसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।
सेक्टर-21 की रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के सीनियर उपाध्यक्ष जेएस भाटिया ने कहा कि शहर में बिछी अंडरग्राउंड पाइपों की हालत खस्ता हो चुकी है। उन्हें बदला जाना चाहिए। मुख्य सलाहकार कमलजीत पंछी ने कहा कि वह सेक्टर-18 में रहते हैं उनकी पहली मंजिल में ही पानी नहीं चढ़ता है। निगम ने पानी के रेट तीन गुणा बढ़ा दिए जबकि ऐसा करने से पहले आरडब्लयूए के प्रतिनिधियों को विश्वास में लेना चाहिए था। सजन सिंह ने कहा कि इस समय तीन गुना पानी के रेट बढ़ाने से हर शहरवासी परेशान है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के पास 500 करोड़ रुपये की एफडी थी वह कहां गई।
सेक्टर-33 आरडब्लयूए के अध्यक्ष जगदीश गिल ने कहा कि शहर के टैक्सी स्टैंड जमकर पानी की बर्बादी कर रहे हैं। सेक्टर-22 के राजेंद्र मोहन कश्यप ने कहा कि जो 24 घंटे पानी की सप्लाई शुरू करने के प्रोजेक्ट के लिए 500 करोड़ रुपये का लोन फ्रांस से लिया जा रहा है, उसे क्यों लिया जा रहा है। इसे लेकर आने वाली जनरेशन पर बोझ डाला जा रहा है। सेक्टर-20 की आरडब्लयूए के अध्यक्ष डा. ओपी वर्मा ने कहा कि इस समय अफसरशाही हावी है। पानी के रेट बढ़ाकर शहरवासियों पर अतिरिक्त बोझ डाला गया है।
इंटक नेता कन्हैया लाल ने कहा कि इस समय ठेकेदार जमकर अस्थायी कर्मचारियों को लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि 12 से 13 हजार वेतन वाला कर्मचारी किस तरह से इतना बढ़े हुए पानी के बिल का भुगतान करेगा। प्रदीप चोपड़ा ने कहा कि इस समय भी गंदे पानी की सप्लाई आ रही है। पहले सुविधाएं दी जानी चाहिए, उसके बाद रेट बढ़ाने की बात की जानी चाहिए। प्रतिनिधियों ने कहा कि चंडीगढ़ में पानी के रेट्स पर दिल्ली का माॅडल लागू होना चाहिए।