पंजाब में बदले मौसम के मिजाज से किसानों पर पड़ी मार
पंजाब एवं हरियाणा में बदले मौसम के मिजाज से किसानों का मंडियों में रखा हजारों टन गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा में बदले मौसम के मिजाज ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है। किसानों का मंडियों में रखा हजारों टन गेहूं बारिश की भेंट चढ़ गया। जबकि, खेतों में भी गेहूं की पकी फसल पूरी तरह से बिछ गई। बारिश ने किसानों और अनाज मंडियों के प्रबंधन पर चिंता की लकीरें पैदा कर दी हैं।
मौसम का मिजाज तीन दिन से बिगड़ा हुआ था, लेकिन सोमवार तड़के अचानक तेज आंधी के साथ आई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। खेतों में खड़ी फसल बिछ गई, जबकि मंडियों में रखा गेहूं भीग गया। पहले धान के सीजन में किसान धान के औने पौने दाम मिलने से पहले ही बहुत परेशान थे। ऐसे में अब पककर तैयार होने वाली फसल पर बेमौसमी बारिश ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है।
मंडी में बारिश के कारण भीगे गेहूं को देखता किसान।
जालंधर, मानसा, बठिंडा, लुधियाना, पटियाला, अमृतसर, झज्जर, पानीपत, हिसार, यमुनागर, अंबाला, जींद आदि जिलों में सुबह से हो रही बारिश के कारण मंडियों में अव्यवस्था फैल गई है। किसान गेहूं को भीगने से बचाने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन मंडियों में पर्याप्त सुविधा न होने के कारण उन्हें परेशानी हो रही है। मंडियों में तिरपालों की पूरी व्यवस्था नहीं है। पानीपत में बारिश व तूफान के कारण बिजली भी गुल है।
शुक्रवार की सुबह तड़के हुई बारिश ने किसानों और अनाज मंडी स्टाफ के माथे पर चिंता की लकीरें पैदा कर दी। सैकड़ों एकड़ खेतों में अभी फसल कटाई के बाद गहाई के लिए पड़ी है। बारिश में भीगने के कारण उसे सूखने में कई दिन लगेंगे। बारिश से काफी बालें भी झड़ गई हैं। मंडी में भी बिक्री के लिए पड़ा गेहूं भी भीग गया। साथ ही एजेंसियों के कई गोदामों में खुले में रखा गेहूं भी बारिश में भीगता रहा। कई मंडियों में टैंकर की मदद से पानी को निकलवाया जा रहा है।
खेतों में काटकर रखी गई गेहूं की फसल भीग गई।
किसानों का कहना है कि अगर मौसम साफ नहीं हुआ तो गिरी फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार सही समय पर हुई बारिश के चलते गेहूं का अच्छा झाड़ मिलने की उम्मीद थी जिससे लगभग सभी किसान खुश भी थे लेकिन अब मौसम के बदले मिजाज के चलते हर किसान चिंतित है।
मंडी प्रबंधक किसानों को सलाह दे रहे हैं कि कटाई के बाद गहाई के लिए पड़ी फसल जो भीग चुकी है, उसके चट्टे न लगाएं। चट्टों में लगी जो फसल भीग गई है, मौसम साफ होते ही उसके पूरों (बंडल) को अलग-अलग कर दें, जिससे उनमें अच्छी तरह से हवा व धूप लग सके। बारिश होने की आशंका हो तो चट्टों को तिरपाल से ढक दें। यदि गेहूं भीग गया हो तो उसे तिरपाल आदि पर फैलाकर सुखा लें।