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पंजाब में किसानों को फसलों की कटाई, ढुलाई व बिक्री की सशर्त मिलेगी मंजूरी

काेरोना से जंग के बीच पंजाब सरकार किसानों को राहत देने की तैयारी कर रही है। किसानों को कुछ शर्तों के आधार पर फसलों की कटाई ढुलाई और बेचने की इजाजत देगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 03:32 PM (IST)Updated: Sat, 28 Mar 2020 03:32 PM (IST)
पंजाब में किसानों को फसलों की कटाई, ढुलाई व बिक्री की सशर्त मिलेगी मंजूरी
पंजाब में किसानों को फसलों की कटाई, ढुलाई व बिक्री की सशर्त मिलेगी मंजूरी

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के बीच पंजाब सरकार किसानों को कर्फ्यू के दौरान कुछ शर्तों के तहत फसलों की कटाई, ढुलाई और इनकी बिक्री की इजाजत दे सकती है।  कर्फ्यू के दौरान सब्जियों और फलों की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को यह सशर्त मंजूरी दिए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बदले मौसम व हालात के कारण गेहूं की कटाई 15 अप्रैल के आसपास शुरू होगी।

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कैप्टन अमरिंदर ने कहा, 15 अप्रैल के आसपास शुरू होगी गेहूं की कटाई

बागवानी विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश में कैप्टन ने कहा है कि राज्य में गेहूं की फसल की कटाई इस वर्ष देरी से शुरू हो सकती है। बागवानी विभाग, पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन और पंजाब मंडी बोर्ड  किसानों को उनकी फसलें काटने और मंडियों में लाने के लिए जिलाधिकारियों के साथ मिलकर योजना तैयार करे। अतिरिक्त मुख्य सचिव विश्वजीत खन्ना ने निर्देश जारी किया है कि जिलाधिकारी खेत मजदूरों और किसानों को खेतों में जाने और फसल की कटाई तथा ढुलाई की व्यवस्था करने की इजाजत दें। जिससे फल व सब्जियां मंडियों में पहुंच सकें।

कर्फ्यू के दौरान सब्जियों व फलों की सप्लाई सुनिश्चित करने की कवायद

खन्ना ने कहा है कि किसानों और खेत मजदूरों को खेतों में काम करने के साथ  उन्हें स्वास्थ्य विभाग द्वारा सामाजिक दूरी का ध्यान रखना, मास्क और सैनिटाइजऱ का प्रयोग, हाथ धोने आदि के संबंध में भी बताया जाए। बाग़बानी विवाह की डायरेक्टर शलिंदर कौर ने उन किसानों की सूची जिला मुख्यालयों में भेजी है जिन्हें कटाई और ढुलाई के लिए मजदूरों की जरूरत है। करीब 600 किसानों ने मदद के लिए सरकार से संपर्क किया है।

फल व सब्जी उत्पादक मुश्किल में

राज्य में कफ्र्यू के कारण फल व सब्जी उत्पादकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ख़ासकर होशियारपुर, फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब और बठिंडा जिलों में खट्टे फलों के क्षेत्रों में दिक्कतें हैैं। जालंधर, कपूरथला, शहीद भगत सिंह नगर, मोगा, लुधियाना आदि जिलों में आलू उत्पादकों और राज्य भर के सब्ज़ी उत्पादकों को पैदावार संभालने में समस्या आ रही है।

किसानों को रोना, कफ्र्यू ने किया घरों में कैद, बारिश ले डूबी कमाई

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में शुक्रवार को कई जिलों में तेज बारिश हुई। अधिकतम तापमान में भी गिरावट से ठंड भी बढ़ गई है। तेज हवा के साथ ही सैकड़ों एकड़ गेहूं की पकी फसल खेतों में बिछ गई है। जालंधर, बरनाला, बठिंडा, संगरूर, गुरदासपुर, फरीदकोट सहित कई जिलों में तेज बारिश हुई। बारिश के कारण किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें खिंच गईं हैं। गेहूं की पकी फसल में पानी जमा होने से भारी नुकसान का अंदेशा है। किसानों का कहना है कि वे कर्फ्यू के कारण घरों में कैद रहने काे मजबूर हैं और बारिश ने उनकी मेहनत की कमाई को बर्बाद कर दिया है।


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