कैप्टन ने मांगी रिपोर्ट, किसानों के एतराज दूर करने के आदेश
-मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने किया मानसा जिले का दौरा -कर्जा माफी के राजस्तरीय समागम
-मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने किया मानसा जिले का दौरा
-कर्जा माफी के राजस्तरीय समागम पर छाए संकट के बादल
---
निर्मल सिंह मानशाहिया, चंडीगढ़: पंजाब सरकार का 7 जनवरी को होने वाला कर्ज माफी समारोह विवादों में घिर गया है। कर्ज माफी की सूचियों में संपन्न किसानों के नाम शामिल किए जाने के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार शाम मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही आदेश दिए कि किसानों के एतराज तुरंत दूर किए जाएं। पटवारियों, तहसीलदारों व नंबरदारों की टीमें बना कर गावों में भेजने के आदेश दिए हैं। वहीं, कर्जा माफी समारोह पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। सरकार ने पहले इसके लिए 4 जनवरी की तारीख तय की थी, लेकिन अब इसके 7 तारीख को होने पर भी संकट है। सरकार इसे फिर आगे खिसका सकती है।
स्टेट बैंकर्स समिति के अनुमान के मुताबिक किसानों के कुल बैंक खातों में से दो लाख रुपये तक के फसली कर्ज वाले सीमात किसानों (ढाई एकड़ तक) के 4,25,284 खाते हैं और इन पर लगभग 2747 करोड़ रुपये कर्ज है। दो लाख से पांच लाख रुपये तक दे कर्ज वाले सीमात किसानों के 1,10,131 और पांच लाख रुपये से अधिक फसली कर्ज वाले 35877 खाते हैं। इनमें 1.46 लाख खाताधारक सीमात किसानों को भी दो लाख रुपये तक की माफी का लाभ मिलेगा। दो लाख रुपये तक फसली कर्ज वाले छोटे किसानों (पांच एकड़ तक) के 4,50,585 बैंक खाते हैं। इन पर करीब 3353 करोड़ रुपये के लगभग कर्ज है। यह कुल जोड़ करीब नौ हजार करोड़ रुपये बनता है। कर्ज माफी की पहली किश्त में जिन पाचजिलों के किसान शामिल किए गए हैं उनमें मानसा, बठिंडा, मोगा, मुक्तसर और फरीदकोट के 47 हजार किसान ढाई एकड़ वाले सहकारी कर्ज के दायरे में आते हैं। मानसा जिले के डिप्टी कमिश्नर धर्मपाल गुप्ता का कहना है कि जो एतराज उठाए जा रहे हैं, वह अधूरी जानकारी होने के कारण हो सकते हैं। जिन किसानों ने अपने सही दस्तावेज समय पर दिए थे, उनके नाम लिस्ट में शामिल किए गए हैं। जो रह गए हैं, वह आगे वाली किश्त में शामिल कर लिए गए हैं। चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश ने को सारी रिपोर्ट सौंप दी गई है।
किसान घेरेंगे डीसी दफ्तर
भारतीय किसान यूनियन (उगराहां), भारतीय किसान यूनियन राजेवाल और भारतीय किसान यूनियन लक्खोवाल ने एलान किया कि वे सात जनवरी को जिलों में डीसी दफ्तर का घेराव करेंगे।