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जेपी नड्डा के किसान आंदोलन पर बयान से भड़के पंजाब के farmer leaders और शिअद

भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के किसान आंदोलन को लेकर दिए गए बयान से पंजाब के किसान नेता भड़क गए हैं। शिरोमणि अकाली दल ने भी नड्डा पर निशाना साधा है। किसान नेताओं का आरोप है कि नड्डा ने आंदोलन को बिचौलिया का आंदोलन कहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 04:36 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 04:36 PM (IST)
जेपी नड्डा के किसान आंदोलन पर बयान से भड़के पंजाब के farmer leaders और शिअद
भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा और पंजाब में आंदोलन कर रहे किसान।

चंडीगढ़, जेएनएन। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जे.पी. नड्डा के पंजाब में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानाें के आंदोलन पर बयान से राज्‍य के किसान नेता भड़क गए हैं। शिरोमणि अकाली दल ने भी भाजपा अध्‍यक्ष नड्डा पर निशाना साधा है। इन नेताओं का कहना है कि नड्डा ने किसानों के आंदोलन को बिचौलियों का आंदोलन करार दिया है।

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भाकिूय के प्रधान बलबीर सिंह  राजेवाल ने कहा कि भाजपा किसान आंदोलन से घबरा गई है, इसलिए तरह के बयान दिए जा रहे हैं । राजेवाल ने कहा कि भाजपा प्रधान नड्डा के इस बयान से साफ हो गया है कि उन्हें मंडीकरण सिस्टम का ज्ञान ही नहीं है। यह पहला आंदोलन है जिसमें सभी किसान संगठन एक मंच पर हैँ और उन्होंने किसी भी राजनीतिक पार्टी को अपनी स्टेजों पर आने नहीं दिया है।

किसान नेता राजेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को यदि किसान आंदोलन के कारण नींद नहीं आ रही है तो वह इन्हें वापस क्यों नहीं ले लेते। किसान किसी राजनीतिक पार्टी का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि सरकार के खिलाफ आंदोलन खड़ा कर रहे हैं।

उधर, शिरोमणि अकाली दल के उपप्रधान व पूर्व मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा ने भी जेपी नड्डा की भाषा पर ऐतराज जताया है और किसानों के प्रति दिए गए बयान पर माफी मांगने को कहा है। उन्होंने कहा कि पिछले चार महीनों से किसान खेती कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और उन्हें सुनने की बजाए भाजपा प्रधान उन्हें बिचौलिए कह रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नड्डा का बयान किसानों के हरे जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। उन्होंने कहा कि किसानों के मसले का हल करना या न करना तो अलग बात है लेकिन कम से कम उन्हें अपमानित न करें। पहले उन्हें दिल्ली बुला लिया गया और एक सेक्रेटरी के सामने बिठा दिया जबकि दूसरी ओर अपनी आठ टीमें पंजाब में भेज दीं। अब अगर वे अपनी हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो उन्हें बिचौलिए बताकर अपमानित कर रहे हैँ।

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