गुटबाजी का दिख रहा असर, Bjp को मेयर चुनाव में सता रहा बगावत का डर Chandigarh News
जीत का आंकड़ा होने के बावजूद भाजपा के आला नेता चुनाव को लेकर चिंता में है क्योंकि उन्हें अपनी पार्टी की गुटबाजी की अच्छी तरह से जानकारी है।
चंडीगढ़, [राजेश ढल्ल]। एक माह बाद होने वाले मेयर चुनाव में उम्मीदवार तय करना फिर भाजपा के लिए चुनौती बन गया है। चंडीगढ़ भाजपा को इस चुनाव में अपनों (पार्टी पार्षदों) का डर सता रहा है जबकि कांग्रेस को भाजपा किसी भी प्रकार से गंभीरता से नहीं ले रही है।
नगर निगम में कांग्रेस के सिर्फ पांच पार्षद हैं जबकि भाजपा-अकाली गठबंधन के पास 21 पार्षद हैं। मेयर चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए 14 वोटों की जरूरत है। जीत का आंकड़ा होने के बावजूद भाजपा के आला नेता चुनाव को लेकर चिंता में है। हाईकमान गुटबाजी को खत्म करने में हमेशा असफल रहा है।
गुटों में बंटे हैं पार्षद
चंडीगढ़ में भाजपा के नेता और पार्षद किसी न किसी गुट से बंधे हुए हैं। वह पार्टी की परवाह भी नहीं करते और अपने ही उम्मीदवार के खिलाफ क्रॉस वोटिंग कर देते हैं। ऐसा पिछले मेयर और अनुबंध कमेटी के चुनाव में देखने को मिला था। शहर में टंडन के अलावा सांसद किरण खेर और पूर्व सांसद सत्यपाल जैन का गुट है। इस समय यह तीनों गुट अपने-अपने पार्षद को उम्मीदवार बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। इस बार का चुनाव महिला के लिए रिजर्व है।
झा आएंगे पार्षदों की नब्ज टटोलने
दिसंबर के अाखिरी सप्केताह में पार्टी प्रभारी प्रभात झा पार्षदों की राय जानने के लिए आएंगे। जबकि संगठन मंत्री दिनेश कुमार ने अभी से मंथन शुरू कर दिया है। वह सभी दावेदारों की गतिविधियों और पूर्व में किए गए कामों पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। संगठन मंत्री अपनी रिपोर्ट हाईकमान को भेजेंगे।
पार्टी प्रभारी प्रभात झा पिछले इस साल मेयर का उम्मीदवार तय करने के समय हुए बवाल से काफी नाराज हैं। इस साल तो सतीश कैंथ ने कालिया की उम्मीदवारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के समर्थन और भाजपा पार्षदों की क्रॉस वोटिंग के दम पर 11 वोट हासिल करने में कामयाब भी रहे।
पार्टी में छह महिला पार्षद, सभी बनीं दावेदार
मेयर चुनाव के लिए डड्डूमाजरा से भाजपा की महिला पार्षद फरमिला देवी भी दावेदार बन गई हैं। वह इस साल भी दावेदार थीं लेकिन पार्टी ने राजेश कालिया को उम्मीदवार बनाया। फरमिला और कालिया का अापस में छतीस का अांकड़ा है।
इसके अलावा पूर्व मेयर आशा जसवाल, पूर्व मेयर राजबाला मलिक, हीरा नेगी, सुनीता धवन और चंद्रवती शुक्ला दावेदार हैं। भाजपा में इस समय छह महिला पार्षद हैं।सभी ही दावेदार बन गई हैं। पार्टी पिछले दो साल से उम्मीदवार तय करते समय लगातार अपने नेताओं और पार्षदों की बगावत झेल रही है।