निगम कमिश्नर ने नौकरी से निकाले डाटा एंट्री आपरेटर्स, डेथ सर्टिफिकेट लेने के लिए भटक रहे परिजन Chandigarh news
इस समय सेक्टर-25 और मनीमाजरा के श्मशान घाट पर जो डेथ सर्टिफिकेट की सुविधा मिलती थी वह पिछले एक सप्ताह से बंद हो गई है।
चंडीगढ़, राजेश ढल्ल। इस समय सेक्टर-25 और मनीमाजरा के श्मशान घाट पर जो डेथ सर्टिफिकेट की सुविधा मिलती थी, वह पिछले एक सप्ताह से बंद हो गई है। वजह यह है कि यहां पर नियुक्त डाटा एंट्री आपरेटर्स को नौकरी से निकाल दिया गया है। ऐसे में शवों के अंतिम संस्कार के बाद डेथ सर्टिफिकेट के लिए परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
साल 2018 में इन दोनों श्मशान घाट में डेथ सर्टिफिकेट मिलने की सुविधा शुरू की गई थी। संस्कार के अगले दिन जब परिजन अस्थियां लेने के लिए आते थे तो उन्हें डेथ सर्टिफिकेट दे दिया जाता था। नगर निगम कमिश्नर केके यादव के आदेश पर सभी वह डाटा एंट्री आपरेटर्स निकाल दिए गए हैं जो कि बिना टेस्ट के साल 2018 के मई माह के बाद भर्ती हुए हैं। श्मशान घाट के संचालकों के अनुसार के प्रतिदिन 20 से 25 शवों का संस्कार होता है। डेथ सर्टिफिकेट यहां पर जारी करने के लिए कंप्यूटर भी लगाए गए हैं। यह सुविधा यहां इसलिए शुरू की गई थी ताकि लोगों को डेथ सर्टिफिकेट के लिए लाइनों में भटकना न पड़े। कई लोग ऐसे हैं, जिनके परिजन दूसरे राज्यों और विदेश में रहते हैं। ऐसे में उन्हें डेथ सर्टिफिकेट के लिए बार-बार न आना पड़े इसलिए यहां पर यह सुविधा शुरू की गई थी।
मोदगिल चाहते थे ऑन द स्पॉट मिले ऐसी सुविधा
साल 2018 में तत्कालिन मेयर देवेश मोदगिल ने इस सुविधा का उद्घाटन किया था। उस समय मोदगिल ने अधिकारियों को कहा था कि ऑन द स्पॉट ही डेथ सर्टिफिकेट की सुविधा शुरू की जाए, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि दस्तावेज की जांच के लिए एक दिन चाहिए। ऐसा न करने पर कोई गलत काम भी हो सकता है। इसलिए अब 24 घंटे का समय रखा गया था।
सीनियर डिप्टी मेयर ने पूछा- क्यों निकाले गए डाटा एंट्री आपरेटर्स
नौकरी से निकाले गए डाटा एंट्री आपरेटर्स का प्रतिनिधिमंडल सीनियर डिप्टी मेयर रवि शर्मा को मिला था। सीनियर डिप्टी मेयर रवि शर्मा का कहना है कि उन्होंने श्मशान घाट पर डेथ सर्टिफिकेट की सुविधा बंद होने के लिए एमओएच डॉ. अमृत वडिंग से बात की थी। उनका कहना है कि डाटा एंट्री आपरेटर्स नहीं निकालने चाहिए थे वह इस मुद्दे पर कमिश्नर से भी बात करने वाले हैं।